कॉरपोरेट सेक्टर में बनाना है बेहतरीन करियर, तो मैनेजमैंट स्टडीज़ का ऑप्शन रहेगा बेस्ट

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भारत में आज के समय में अच्छी नौकरी ढूंढना कोई किला फतह करने से कम नहीं है। आज बड़ी संख्या में युवा अपनी काबिलियत और मार्किट डिमांड को जाने बिना नए-नए क्षेत्रों में करियर बना रहे हैं। ऐसे रोमांचक क्षेत्रों में शुरुआत में तो आनंद आता है, लेकिन कम सैलरी और नाम मात्र के प्रमोशन के कारण युवा निराश हो जाता है। आज भारत में कॉरपोरेट सेक्टर (Management Studies) बहुत तेजी से अपना कारोबार आगे बढ़ा रहा है। स्टार्ट अप से लेकर बड़े-बड़े उद्योगों तक हर क्षेत्र में मैनेजर्स की डिमांड बढ़ रही है।

कॉरपोरेट सेक्टर में मैनेजर्स की बढ़ती डिमांड को देखते हुए इस फील्ड में करियर बनाना आज के समय में एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए मैनेजमैंट स्टडीज़ (Management Studies) सबसे बेहतर ऑप्शन है। मैनेजमैंट स्टडीज़ में एक अच्छे मैनेजर बनने, टीम को किस तरह से लीड किया जाए और कंपनी को ऊंचाइयों तक कैसे लेकर जाए ये सभी गुण बहुत अच्छे से सिखाए जाते है। तो अगर आप भी अपने करियर को लेकर अभी तक कन्फ्यूज़ थे तो मैनेजमैंट स्टडीज़ के ज़रिए कॉरपोरेट सेक्टर के क्षेत्र में जाना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।

क्यों जरुरी है मैनेजमैंट स्टडीज़ का कोर्स?

कॉरपोरेट सेक्टर में करियर आप किसी भी फील्ड से ग्रैजुएशन करके बना सकते हैं। लेकिन अगर आपने मैनेजमैंट स्टडीज़ (Management Studies) की पढ़ाई की है तो इस क्षेत्र में आपकी तरक्की के आड़े कोई नहीं आ सकता। आज सभी छोटी-बड़ी और मल्टीनेशनल कंपनीज़ में मैनेजर्स की काफी डिमांड है। कंपनी के सीईओ और अन्य हायर स्टाफ के बाद मैनेजर्स ही कंपनी के काम का जिम्मा संभालते हैं।

यूं तो मैनेजमैंट कोर्स मार्केटिंग, बिजनेस और फाइनेंस आदि कई फील्ड में कराया जाता है। लेकिन अपनी रुचि के अनुसार सही कोर्स का चयन करना बहुत जरुरी है। सही कोर्स का चयन कैसे करें, इसके बारे में भी थोड़ा जान लेते हैं –

  • सर्वप्रथम अपनी काबिलियत और हुनर को पहचानिए। इसके लिए आप किसी करियर काउंसलर की सहायता ले सकते हैं।
  • अपनी रुचि के अनुसार सभी कोर्सों की लिस्ट बनाएं। लिस्ट बनाते समय ध्यान रखिएगा कि यह फैसला आप अपनी पूरी लाइफ के लिए ले रहे हैं।
  • सूची बनाने के बाद हर कोर्स के बारे में ध्यान से पड़ें और उसके भविष्य के स्कोप के बारे में भी जाने।

इन तीन बिंदुओं को ध्यान में रखकर यकीनन आप एक अच्छा कोर्स सिलेक्ट करने में कामयाब हो जाएंगे।

मैनेजमैंट कोर्स के लिए जरुरी योग्यता

जैसा कि अभी हमने आपको बताया कि मैनेजमैंट कोर्स कई प्रकार के होते हैं, जैसे बैचलर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA), बैचलर्स ऑफ मैनेजमैंट स्टडीज़ (BMS) और बैचलर्स ऑफ बिजनेस मैनेजमैंट (BBM) आदि। इन सभी कोर्स के लिए 12वीं में 50 प्रतिशत मार्क्स के साथ पास होना अनिवार्य है। अधिकतर कॉलेज कॉमर्स के स्टूडेंट्स को ही इस कोर्स में दाखिला देते हैं। वहीं कुछ प्राइवेट कॉलेज और युनिवर्सिटीज़ अन्य स्ट्रीम के छात्रों को भी मैनेजमैंट स्टडीज़ (Management Studies) का कोर्स करने का मौका देते हैं।

कोर्स की अवधि और फीस

अन्य कोर्सेज की तरह ही मैनेजमैंट का कोर्स तीन चरणों में होता है – बैचलर्स, मास्टर्स और पीएचडी। इसके बैचलर्स कोर्स की अवधि तीन साल की होती है और मास्टर्स कोर्स की अवधि दो साल की होती है। ग्रैजुएशन के बाद आप मास्टर्स में डिप्लोमा भी कर सकते हैं, जिसकी अवधि एक साल की होती है। वहीं पीएचडी की अवधि तीन से पांच साल तक की होती है, जो सभी कॉलेज और युनिवर्सिटीज़ के हिसाब से अलग-अलग होती है।

फीस की बात की जाए तो बीबीए, बीएमएस जैसे कोर्स में सालाना लगभग एक लाख रुपए का खर्च आता है। वहीं एमबीए के पूरे कोर्स की फीस 5 लाख से 8 लाख रुपए तक होती है। हालांकि ग्रैजुएशन के बाद मास्टर्स, आप डिस्टेंस के साथ भी कर सकते हैं, जिसमें लगभग 30 से 40 हज़ार रुपए का खर्च आएगा। इन प्रोफेशनल कोर्सेस के लिए कुछ युनिवर्सिटीज़ स्कोलरशिप प्रोग्राम भी चलाते हैं। स्कोलरशिप के अलावा अगर आप लोन लेना चाहते हैं, तो किसी भी बैंक में स्टूडेंट लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

कोर्स पूरा होने के बाद क्या करें

मैनेजमैंट स्टडीज़ (Management Studies) का कोर्स पूरा होने के बाद आपके पास कई विकल्प मौजूद होते हैं। आइये कुछ प्रमुख क्षेत्रों के बारे में जान लेते हैं, जहां आप एक अच्छी शुरुआत के साथ बेहतर करियर बना सकते हैं –

सेल्स एंड मार्केटिंग (Sales & Marketing)

हर कंपनी बाज़ार में मुनाफा कमाने के उद्देश्य से बैठी है। मुनाफा कमाने के लिए कंपनी को अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज़ लोगों तक पहुंचाना बहुत जरुरी है। ऐसे में कंपनी को सेल्स और मार्केटिंग मैनेजर्स की जरुरत पढ़ती है, जो एक टीम को लीड कर कंपनी के प्रोफिट ग्राफ को बढ़ा सके। इस क्षेत्र में अगर आप बेहतर परफोर्म करते हैं तो बहुत जल्द प्रमोशन पा सकते हैं।

फाइनेंस मैनेजमैंट (Finance Management)

फाइनेंस मैनेजमैंट भी मैनेजमैंट स्टडीज़ (Management Studies) के बाद एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इस क्षेत्र में आपको कंपनी के सभी फाइनेंस और पैसों के लेन-देन से जुड़े मामलों का कार्य सौंपा जाता है। मैनेजमैंट स्टडीज़ के अलावा अगर आपको टैली जैसे अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर की जानकारी है तो इस क्षेत्र में आप जल्द तरक्की कर सकते हैं।

एचआर मैनेजमैंट (HR Management)

एक कंपनी में एचआर की भूमिका बेहद अहम होती है। कंपनी के स्टाफ और अन्य मैनेजमैंट का सारा जिम्मा एक एचआर मैनेजर ही देखता है। इस फील्ड के लिए आपके पास अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स का होना बहुत आवश्यक है।

सोशल मैनेजमैंट (Social Management)

आज ज़माना ऑनलाइन का है। फ्लिपकार्ट और अमेज़ॉन जैसी कंपनीज़ को टक्कर देने के लिए आज सभी कंपनी इंटरनेट के ज़रिए अपने प्रॉडक्ट्स सेल कर रही हैं। एक सोशल मीडिया मैनेजर कंपनी के वेब पॉर्टल का काम देखता है। इसके लिए उसे ऑनलाइन पॉलिसी, स्कीम्स और सोशल मीडिया की अच्छी जानकारी होना आवश्यक है।

अपना व्यापार शुरु करें (Start-Up)

बिजनेस मैनेजमैंट स्टडीज़ के बाद आप अपना खुद का व्यापार भी शुरु कर सकते हैं या फैमिली बिजनेस को भी आगे बढ़ा सकते हैं। एक बिजनेस को कैसे नई ऊंचाइयों पर लेकर जाया जाए, यह आप तीन साल के कोर्स के बाद अच्छी तरह जान ही जाते हैं। ऐसे में नए स्टार्ट-अप में यकीनन आपको मैनेजमैंट स्टडीज़ का लाभ मिलेगा।

सालाना कमाई का आँकड़ा

मैनेजमैंट और कॉरपोरेट सैक्टर एक ऐसा क्षेत्र है, जहां आपकी कमाई का आँकड़ा कंपनी नहीं बल्कि आप खुद तय करते हैं। ग्रैजुएशन के बाद शुरुआत में किसी भी क्षेत्र में आप अप्लाई करते हैं तो सालाना 2 से 3 लाख रुपए तक का पैकेज ही आपको मिलेगा। वहीं पोस्ट ग्रैजुएशन के बाद यह आकड़ा 4 से 5 लाख तक पहुंच जाता है। लेकिन कॉरपोरेट सैक्टर में आप अपनी काबिलियत और हुनर का प्रदर्शन कर और थोड़े अनुभव के बाद आसानी से 15 से 20 लाख रुपए सालाना पैकेज के आकड़े को छू सकते हैं।

मैनेजमैंट स्टडीज़ का कोर्स कराने वाले कुछ प्रमुख संस्थान

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