डेयरी टेक्नोलॉजी ( Dairy Technology) शब्द करीब एक दशक या उससे भी कई साल पहले तक सिर्फ किताबों के पन्नों में ही दर्ज था। पहले लोग दूध और इससे बनने वाले अन्य पदार्थों का उत्पादन घरेलू तरीके से करते थे। हालांकि आज के समय में भी ग्रामीण क्षेत्रों में दूध का उत्पादन इसी तरह से होता है। लेकिन अब टेक्नोलॉजी के साथ लोगों का नज़रिया भी दूध की डेयरी के प्रति बदल गया है। शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्र भी अब डेयरी फार्म के जरिए दूध का उत्पादन करने लगे हैं।
डेयरी फार्म के साथ लोगों का झुकाव किस कदर बढ़ा है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करीब एक दशक पहले तक लगभग 5 फीसदी जो दूध, डेयरी फार्म से उत्पादित होता था, वह अब बढकर करीब 15 फीसदी हो गया है। अमेरिका के बाद भारत दूध उत्पादन में दूसरे नंबर पर है। ऐसे में लोग अब डेयरी उत्पादन के जरिए दूध के उत्पादन में बढ़ोत्तरी भी कर रहे हैं। डेयरी टेक्नोलॉजी के आने से इस फील्ड में करियर बनाने के लिए संभावनाएं बढ़ गई हैं। इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई की तरह ही डेयरी टेक्नोलॉजी भी युवाओं की पसंद बन कर उभर रही है।
डेयरी टेक्नोलॉजी क्या है?
ग्रामीण लोग आज भी गाय और भैंस के दूध का ही इस्तेमाल ज्यादा करते हैं लेकिन कुछ जगह अब मदर डेयरी, अमूल, मधुसूदन और अन्य डेयरी के दूध का इस्तेमाल भी होने लगा है। शहरी क्षेत्रों में डेयरी द्वारा उत्पादित दूध का इस्तेमाल करने वालों की संख्या थोड़ी ज्यादा है। लेकिन क्या आप लोगों ने कभी सोचा है कि आखिर अमूल, मदर डेयरी और मधुसुधन द्वारा उत्पादित दूध और अन्य प्रोडक्ट्स कितने बड़े लेवल पर बनाए जाते हैं। इस स्तर पर दूध के उत्पादन को डेयरी टेक्नोलॉजी के जरिए तैयार किया जाता है। इतने बड़े स्तर पर दूध के उत्पादन में कई तरह के टेक्नोलॉजी मानकों ध्यान में रखा जाता है। डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) का कोर्स करने के बाद आप इस टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा अच्छे से जान पाएंगे।
इस कोर्स को करने के लिए जरूरी योग्यता
अगर आप डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कुछ योग्यता की जरूरत होती है। सबसे पहले ये कोर्स करने के लिए आपकी उम्र 16 साल से अधिक होना जरूरी है। साथ ही आपके पास 10वीं और 12वीं के साथ कृषि विषय में 50 प्रतिशत अंक होने आवश्यक हैं।
इसके बाद आप डेयरी टैक्नोलॉजी में बी.टेक., बी.एससी., एम.टेक, एम.एससी. और पी.एचडी. कर सकते हैं। बी.टेक. में एडमिशन के लिए 12वीं में साइंस सब्जेक्ट होना जरूरी है। डेयरी टेक्नोलॉजी से जुड़े हर कोर्स की अवधि अलग- अलग होती है। बीएससी 3 साल, बीटेक 4 साल और एमएससी के कोर्स 2-2 साल के होते हैं।
किन कार्य क्षेत्रों में बना सकते हैं करियर
अगर आप डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) में अपना करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो आप डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी कैमेस्ट्री और डेयरी बैक्टिरीयोलॉजी कोर्स के तहत अपना करियर चुन सकते हैं। इन कोर्सों को करने के दौरान छात्रों को दूध की प्रोसेसिंग के साथ पैकैजिंग के अंतर्गत आने वाली सभी चीजों से अवगत कराया जाता है। इसके अलावा कोर्स के दौरान अभ्यर्थियों को डेयरी प्रोडक्शन और मार्केटिंग के गुण भी सिखाए जाते हैं। ये कोर्स करने के बाद आप अपना कार्यक्षेत्र खुद चुन सकते हैं। कोर्स करने के बाद आप निम्नलिखित प्रोफाइल्स के तहत अपना करियर चुन सकते हैं –
डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट
डेयरी टेक्नोलोजिस्ट एक वैज्ञानिक के तौर पर काम करता है। डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट दूध, दही, मक्खन, आइसक्रीम और पनीर के रासायनिक तत्वों का अध्ययन करते हैं। डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट प्राइवेट फर्म के साथ जुड़ कर ज्यादा काम करते हैं और साथ ही कुछ डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट खुद का व्यापार भी शुरु कर लेते हैं।
डेयरी कंसलटेंट
कंसलटेंट का काम डेयरी फार्म्स में सबसे अहम रहता है। इस क्षेत्र में कंसलटेट को डेयरी सलाहकार भी कहा जाता है, जो दूध के उत्पादन में प्रजनन की विधियों में वैज्ञानिक तरीको के इस्तेमाल करने में मदद करता है। एक डेयरी सलाहकार के रूप में आप कॉरपोरेट डेयरी फार्म्स में काम कर सकते हैं।
डेयरी इंजीनियर
डेयरी इंजीनियरिंग डेयरी टेक्नोलॉजी का ही दूसरा भाग है। ये फील्ड दूध और उसके उत्पादों के प्रसंस्करण से संबंधित है। इस क्षेत्र में दूध के उत्पादन को और भी बेहतर करने की विधि के उपयोग के बारे में कार्य किया जाता है।
रिसर्चर
डेयरी इंडस्ट्री में भी रिसर्चर की भूमिका भी काफी अहम हो जाती है। रिसर्चर के जरिए एक डेयरी फार्म अपने खरीदारों के मन की बात को अच्छे से जान पाने में सक्षम हो पाता है। साथ ही एक रिसर्चर के जरिए ही दूध उत्पादन के लिए सही तकनीकों और पदार्थों का चयन करना भी आसान हो जाता है।
प्लांट मैनेजर
डेयरी प्लांट के जरिए दूध के उत्पादन की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। इस दौरान प्लांट मैनेजर की भूमिका काफी अहम रहती है। प्लांट मैनेजर की आवश्कता हर डेयरी फार्म में होती है। मैनेजर की निगरानी में ही उत्पादन की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है।
डेयरी टेक्नोलॉजी में कोर्स करने के बाद मिल सकती है इतनी सैलरी
डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) की फील्ड को चुनने का एक बड़ा कारण यही होता है कि इस कोर्स को करने के बाद अभ्यर्थियों को इंजीनियरिंग और अन्य कोर्स के अंतर्गत आने वाली सैलरी के तहत ही संस्थानों में रखा जाता है। इस कोर्स को करने के बाद शुरुआती सैलरी काफी अच्छी होती है। डेयरी टेक्नोलॉजी से जुड़े छात्रों को डेयरी प्लांट्स पहली प्राथमिकता देते हैं।
आप इंटर्न के रुप में अपनी शुरुआत कर सकते हैं। इस दौरान आपको 10000 रुपये के साथ जॉइन कराया जाता है लेकिन अधिकारी बनने के बाद आप प्रति माह 30000 से ज्यादा की कमाई भी कर सकते हैं।
खुद का कारोबार शुरु करने के विकल्प भी मौजूद
डेयरी टेक्नोलॉजी में पढ़ाई पूरी करने के बाद आपका करियर केवल नौकरी तक ही सीमित ही नहीं रह जाता। इस कोर्स को करने के बाद आप MBA ग्रेज्यूएट्स की तरह ही नौकरी के अलावा अपना खुद का कारोबार शुरु कर सकते हैं। पिछले कई सालों में ऐसा देखा जा चुका है कि लोग डेयरी टेक्नोलॉजी कोर्स करने के बाद दूध के उत्पादन को बढाने के लिए अपना खुद का प्लांट खोल लेते हैं।
अपना कारोबार खोलने के बाद आप दूध का उत्पादन करने वाले संस्थानों से जुड़े अधिकारियों से भी कहीं ज्यादा कमाई कर सकते हैं। आप चाहें तो खुद का बिजनेस कर आप महीने 60 से 70 हजार तक की कमाई सकते हैं। आने वाले समय को देखते हुए ये विकल्प आज के छात्रों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
भारत में उज्जवल है डेयरी टेक्नोलॉजी का भविष्य
भारत में डेयरी टेक्नोलॉजी (Dairy Technology) का भविष्य उज्जवल है। 2018 के कुछ आंकड़ों की बात करें तो डेयरी मार्केट ने भारत में 9,168 बिलियन का कारोबार किया था। वहीं CASR ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार ये आंकड़ा 2024 तक दोगुना होने की उम्मीद है। यानि आने वाले समय में भारत डेयरी टेक्नोलॉजी के जरिए 21,971 बिलियन का कारोबार कर सकता है। ऐसे में इस क्षेत्र से जुड़ने वाले छात्रों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद भी जताई जा रही है। ये आँकड़ें जानने के बाद आप भी डेयरी टेक्नोलॉजी में करियर बनाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।