राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल, दिल्लीवासी कोराना, प्रदूषण और धुएं की चादर से बेहाल

राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास हवा प्रदूषण गंभीर स्थिति के श्रेणी को पार कर गया है। भारतीय चिकित्सा संघ ने शनिवार को एक बयान जारी कर बताया कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी वायु प्रदूषण के कारण हुआ है।

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देश का दिल और दिलवालों का शहर कहे जाने वाला, राष्ट्रिय राजधानी दिल्ली में सांस लेना भी मुश्किल हुआ है। राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास हवा प्रदूषण गंभीर स्थिति के श्रेणी को पार कर गया है। स्थिति इतनी बदतर है कि, शनिवार दोपहर 12 बजे राजधानी का एयर इंडेक्स बढ़कर 440 तक पहुंच गया था। प्रदूषण के साथ-साथ दिल्लीवासियों को कोरोना का मार भी झेलना पड़ रहा है।

वायु प्रदूषण के कारण बढ़ रहा कोरोना का कहर

भारतीय चिकित्सा संघ ने शनिवार को एक बयान जारी कर बताया कि दिल्ली में पिछले कुछ दिन में रोजाना कोविड-19 के 6,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं अनुमान लगाया जा रहा है कि, कोरोना के मामलों में 13 प्रतिशत बढ़ोतरी वायु प्रदूषण के कारण हुआ है।

राष्ट्रीय राजधानी समेत आसपास के इलाको में पिछले 10 दिन में वायु प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुआ है। इसी बिच, आईएमए ने बताया कि दिल्ली में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 से ऊपर रहा वहीं सुरक्षित सीमा 0-50 के बीच है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के वायु प्रदूषण संबंधी आंकड़े दर्शाते हैं कि दिल्ली में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर सामान्य स्तर से अधिक है।

प्रदूषित हवा और कोरोना से बचाव हेतु पहने N-95 मास्क

आईएमए ने लोगो को चेतावनी देते हुए बताया कि हवा की खराब गुणवत्ता से दमा, सीओपीडी, उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं। दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 की अत्यधिक मात्रा होने की वजह से केवल घूमने-फिरने से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। प्रदूषित हवा से बचाव हेतु आईएमए ने लोगो को N-95 मास्क पहनने का सलाह दिया।

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