जम्मू कश्मीर में धारा 370 तथा अनुच्छेद 35a को हटाए हुए अब 1 साल पूरा हो चुका है। 1 साल बाद प्रदेश में पहली बार जिला विकास परिषद के चुनाव हुए जिसकी मतगणना अभी भी जारी है। जो परिणाम अभी तक सामने आए हैं उनके अनुसार भारतीय जनता पार्टी जम्मू कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। आंकड़ों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 74 सीटें मिली है वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस को 67 और पीडीपी को 27 सीटें मिली हैं। कांग्रेस के 26 और 49 निर्दलीय उम्मीदवार भी इस चुनाव में जीत चुके हैं।इस चुनाव की मतगणना मंगलवार सुबह 9:00 बजे प्रारंभ हुई थी क्योंकि यह मतदान बैलेट पेपर से हुआ था इसीलिए जहां पर गणना करने में समय लग रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास में पहली बार कश्मीर में 3 सीट जीती है जिनमें से एक बांदीपोरा की तुलेल सीट है। यहां पर भारतीय जनता पार्टी के एजाज अहमद खान ने निर्दलीय उम्मीदवार को 1303 वोटों से हराकर भाजपा की विजय का मार्ग प्रशस्त किया। पुलवामा जिले की काकपुरा 2 सीट से भाजपा की मिन्हा लतीफ ने रकैया बानो को 14 वोटों से हरा दिया। वहीं श्रीनगर की खानमोह -2 सीट से भाजपा प्रत्याशी एजाज हुसैन राथर ने जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के गुलाम हसन हज्जाम को 411 वोटों से हराकर कश्मीर में इतिहास रचा।
यह चुनावी नतीजे उन नेताओं के लिए बड़ा सबक साबित हुए हैं, जो नेता कभी कहा करते थे कि यहां पर भारतीय जनता पार्टी का कोई वजूद नहीं है। यदि जम्मू कश्मीर राज्य से भारतीय जनता पार्टी को कितना बड़ा समर्थन मिल रहा है तो निश्चित ही अब जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र का राज स्थापित हो रहा है। हालांकि डीडीसी चुनाव के नतीजे को गुपकार गठबंधन के पक्ष में आए हैं। इसीलिए गुपकार गठबंधन के सभी नेता खुश दिखाई दे रहे हैं। उमर अब्दुल्ला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर की आवाम ने भाजपा को जवाब दे दिया है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता अनुराग सिंह ठाकुर का कहना है कि जम्मू कश्मीर में इतिहास रचा गया है। यहां से दुनिया को नया संदेश जाएगा, यह लोकतंत्र की जीत है।