दिल्ली पुलिस के कमिश्नर का बड़ा बयान, “किसान नेताओं ने तोड़ा वादा इसीलिए भड़की हिंसा”: दिल्ली पुलिस कमिश्नर

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने दिल्ली हिंसा पर कहा है कि दिल्ली हिंसा के लिए किसान नेता जिम्मेदार है क्यों कि उनके भड़काऊ भाषणों के कारण हिंसा भड़की। हमने काफ़ी सयंम बरता जिसके कारण किसी भी नागरिक की मृत्यु पुलिस के हाथों नहीं हुई।

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चित्र साभार: ट्विटर @ANI

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के लिए किसान नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने साफ कहा है कि किसान नेताओं ने जिन बातों पर हस्ताक्षर किए थे उनमें से एक भी वादे पर अमल नहीं किया गया। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव का कहना है कि किसान नेताओं के द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषणों के कारण हिंसा भड़क गई। एसएन श्रीवास्तव ने कहा, “26 जनवरी को देखते हुए हमने किसानों की ट्रैक्टर रैली के लिए कुछ नियम और शर्तें तय की थी। हमारी पहली शर्त थी कि, किसान रैली 12:00 बजे शुरू होकर 5:00 बजे खत्म हो जाएगी, किसान लीडर ट्रैक्टर मार्च को लीड करेंगे और अगली पंक्ति में रहेंगे ताकि रैली को कंट्रोल कर सके। रैली में 5000 से ज्यादा ट्रैक्टर नहीं लाए जाएंगे और किसी भी प्रकार का हत्यार भाला, तलवार जैसी चीज साथ में नहीं होनी चाहिए। रैली में अनुशासन बना रहे पांच राउंड की बैठक के बाद किसान नेताओं ने इन सभी शर्तों को मंजूर किया था।”

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा, “टिकरी और गाजीपुर से सुबह 8:30 बजे प्रदर्शनकारी चल पड़े, जब किसानों से कहा गया कि वह 12:00 बजे तय समय पर उस रोड पर परेड शुरू करें। तो वे नहीं माने और बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ गए। उनके नेता सतवंत सिंह पन्नू के भड़काऊ भाषणों के कारण बैरिकेट्स तोड़े गए इसके बाद हिंसा शुरू हुई। टिकरी से निकले किसानों ने नांगलोई में धरना दिया। इन लोगों ने भी बैरिकेट्स थोड़े और हिंसा की। एक कंटेनर से रास्ते के अवरोध हटाते हुए यह लोग लाल किला तक पहुंचे। गाजीपुर से जो किसान निकले उन्होंने अक्षरधाम पर बैरिकेड तोड़े और यह किसान भी लाल किला पहुंचे।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने दिल्ली पुलिस की तारीफ करते हुए कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस ने संयम बरता। हमारे पास भी ऑप्शन थे लेकिन हमने संयम का रास्ता चुनना। हमने इसलिए ऐसा किया क्योंकि हम जान-माल और संपत्ति का नुकसान नहीं चाहते थे। यही हम दोनों का समझौता भी हुआ था हम शांतिपूर्ण रैली निकल वाना चाहते थे। यह हिंसा नियम और शर्तों को न मानने के कारण हुई है इसमें सभी किसान नेता शामिल हैं।

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