पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की भी ममता बनर्जी के सामने अब एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो चुकी है। बताया जा रहा है चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन के कारण पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर चुनाव आयोग ने 24 घंटे का बैन लगा दिया है। इस समय अंतराल में ममता बनर्जी कहीं भी कोई सभा तथा चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगी। मुस्लिम वोटर से वोट बटने न देने की अपील पर महिलाओं से सुरक्षा बलों का घेराव करने की सलाह देने के कारण चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के लिए दो नोटिस जारी किए थे। ममता बनर्जी ने इन नोटिसों का कोई जवाब नहीं दिया जिसके कारण चुनाव आयोग ने असंतुष्ट होते हुए यह कार्रवाई की है।
ममता बनर्जी पर बैन का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। सोमवार रात 8 बजे से मंगलवार रात 8 बजे तक वह किसी भी तरह से प्रचार नहीं कर सकती हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें आगे से इस तरह का बयान ना देने की सख्त हिदायत दी है। चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के बयानों की निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह के बातों से कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
चुनाव आयोग ने कहा है कि ममता बनर्जी, जोकि राज्य की मुख्यमंत्री भी हैं, ने चुनाव आचार संहिता के साथ ही जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 123 (3) और 3a और आईपीसी, 1860 की धारा 186, 189 और 505 का भी उल्लंघन किया है। उन्होंने बेहद भड़काऊ बयान दिए हैं जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और चुनावी प्रक्रिया बाधित हो सकती है।
इस बयान के कारण हुई कार्रवाई
चुनाव आयोग के नोटिस के मुताबिक ममता बनर्जी ने कहा था, “मैं अपने अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर निवेदन कर रही हूं, शैतान व्यक्ति जिसने बीजेपी से पैसा लिया था, को सुनने के बाद अल्पसंख्यक वोटों को बंटने ना दें। वह भाजपा की ओर से भेजा गया है, जो भाजपा का साथी है। अल्पसंख्यक वोटों को बांटने के लिए सीपीएम और बीआईपी के लोग बीजेपी द्वारा दिए गए पैसों के साथ साथ घूम रहे हैं।” 7 अप्रैल को ममता बनर्जी ने कहा था, ”केंद्रीय बल यदि रुकावट पैदा करते हैं, मैं महिलाओं से कहती हूं कि एक समूह उनका घेराव करे और दूसरा जाकर वोट डाले। अपना वोट व्यर्थ मत करो। यदि आप केवल उन्हें घेरे रहेंगे तो वे खुश होंगे कि आप आपना वोट नहीं डाल रहीं। यह उनका प्लान है। यह बीजेपी का प्लान है।”