आज केरल के राज्यपाल Arif Mohammad Khan India Today Conclave 2021 में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित सभी सवालों के जवाब दिए तथा मुस्लिमों की स्थिति पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट यह परिभाषित करने में सक्षम नहीं है कि भारत में कौन अल्पसंख्यक है? अगर राजनीतिक वर्ग (political class) बुरी तरह से विफल हो गया है तो ये मीडिया का कर्तव्य है कि वो हमसे सवाल करे कि क्या हम संविधान की भावना को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं?
Arif Mohammad Khan ने कहा कि विभाजन “imaginary Muslim question” के कारण हुआ। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या हमने विभाजन से कोई सबक लिया है? लेकिन भारतीय संविधान में हमें ताकत देता है। उसमें अस्पृश्यता के उन्मूलन का उल्लेख है। अनुच्छेद 17 अस्पृश्यता के अंत की घोषणा करता है। भारतीय समाज के सर्वाधिक वंचित समुदायों के साथ समानता के व्यवहार और न्याय का प्रावधान हमारे संविधान में है।
पाकिस्तान में हिंदुओं की दुर्दशा पर भी बोले राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि ‘हिंदू’ शब्द किसी धार्मिक विश्वास या पूजा पद्धति तक सीमित नहीं है। भारतीय सभ्यता को कभी भी धर्म द्वारा परिभाषित नहीं किया गया था। जब आप हिंदू राष्ट्र कह रहे हैं तो आप वास्तव में इसे मुस्लिम धर्मतंत्र या ईसाई धर्मतंत्र के साथ जोड़ रहे हैं। Arif Mohammad Khan ने कहा “पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अधिकारों की आवश्यकता है क्योंकि वहां अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया जाता है। भारत में संविधान समान अधिकार देता है। भारत में धर्म के आधार पर भेदभाव की कोई अवधारणा नहीं है।”