चिराग से नाराज हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता, पीएम मोदी के फोटो का प्रयोग करना पड़ा भारी

यह माना जा रहा है कि LJP, भारतीय जनता पार्टी के किसी भी ऑफर से सहमत नहीं है, इसके बाद एलजीपी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। बीजेपी ने एलजेपी से साफ साफ कह दिया है कि वो चुनाव प्रचार में पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल नहीं करे

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एनडीए गठबंधन का एक दल अब NDA से अलग हो चुका है हालांकि उसका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के साथ उसका संबंध हमेशा बना रहेगा। इस दल का नाम है लोक जनशक्ति पार्टी एलजेपी ! चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच के विवाद किसी से भी छिपे हुए नहीं थे इसके बाद लगातार यह कयास लगाए जा रहे थे कि चिराग पासवान एनडीए का दामन छोड़ सकते हैं। इंडिया का दामन छोड़ने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी के साथ लोक जनशक्ति पार्टी का गठबंधन जारी रहेगा। चिराग पासवान ने कहा बिहार की जनता नीतीश कुमार को अब सीएम बनते हुए नहीं देखना चाहती। उन्होंने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 15 साल के शासन काल के दौरान उत्पन्न सत्ता विरोधी लहर 2005 में लालू प्रसाद यादव नीत आरजेडी के कार्यकाल में पैदा हुई लहर से भी बड़ी है। चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन से इसलिये बाहर आई है ताकि मौजूदा गठबंधन में बने रहने को लेकर बाद में उन्हें किसी बात का ‘अफसोस’ न हो।

इसके आलावा भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि LJP बिहार चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का नाम लेकर वोट नहीं मांग सकते हैं। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि एलजेपी से साफ तौर से कहा गया है कि वह बिहार चुनाव में किसी भी किस्म से बीजेपी का नाम नहीं लेंगे। क्योंकि बिहार में दोनों पार्टियां अलग-अलग दमखम दिखा रही हैं।एलजेपी से कहा गया है कि उनकी पार्टी के किसी बैनर, पोस्टर या भाषण में पीएम मोदी और बीजेपी का नाम नहीं लिया जाना चाहिए। जब कोई पार्टी एनडीए से अलग हो गई है तो उसे किसी भी किस्म से पीएम मोदी के नाम को यूज करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।वहीं कल चिराग पासवान ने बिहार के लोगों को एक पत्र लिखकर कहा था, “मुझे विश्वास है कि बिहार की जनता में पापा के प्रति जो प्यार है!.. वह मुझे भी मिलेगा !..जब से मैं सक्रिय राजनीति में आया हूं, तब से मैंने पूरी लगन व निष्ठा के साथ कार्य किया है। लेकिन अब बिहार को आगे बढ़ाने के लिए कड़े फैसले लेने होंगे। जिससे बिहार की खो रही अस्मिता को लौटाया जा सके !.. पापा का अंश हूं!… कभी किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानूंगा और ना ही किसी भी कीमत पर बिहार फर्स्ट बिहारी पद की सोच को मिटने दूंगा। “

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