देश की राजधानी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद गृहमंत्रालय और दिल्ली पुलिस पर उठे सवालों का जवाब अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में दिया। ये पहला मौका था जब हिंसा के बाद अमित शाह ने विपक्ष के तीखे सवालों का जवाब दिया। हालांकि इस दौरान विपक्ष लोकसभा से वॉकआउट भी कर गया लेकिन इसके बावजूद अमित शाह ने अपने भाषण को नहीं रोका। विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि 25 फरवरी की रात 11 बजे के बाद से रिकॉर्ड के मुताबिक कोई भी हिंसा की घटना नहीं हुई।
एक हफ्ते बाद आए इस बयान के पीछे की वजह का भी उन्होनें खुलासा किया। अमित शाह ने बताया कि होली पर भावनाएं भड़कने की आशंका थी। इसलिए हम होली के बाद चर्चा करना चाहते थे। वहीं हिंसा के बाद की गई कार्यवाही पर अमित शाह ने कहा ‘अब तक 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। 2647 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच के लिए एसआईटी की दो टीमें गठित की गई हैं। फेस आइडेंटिटी सॉफ्टवेयर के माध्यम से हमने 1,100 से ज्यादा लोगों का फेस आइडेंटिफाई किया है, उनकी पहचान कर ली गई है।‘
अमित शाह ने ये भी कहा कि दिल्ली दंगो के पीछे सोशल मीडिया का भी काफी योगदान रहा। उन्होनें बताया करीब 60 सोशल मीडिया अकाउंट 22 फरवरी को बनाए गए और 26 को ये अकाउंट बंद हो गए। पुलिस इनकी जांच कर रही है।