सरकार के मंत्रियों तथा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच दसवें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। इस बैठक में किसान कानून वापस लेने की मांग पर अड़े रहे और भारत सरकार ने कानून वापस लेने से इनकार कर दिया। इसी बीच लगातार कांग्रेस पार्टी भारत सरकार पर कृषि कानूनों को लेकर निशाना साध रही है और भारत सरकार को किसान विरोधी बता रही है। कांग्रेस के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है, ” राहुल गांधी के बयानों और उनके कार्यों पर उनकी पूरी पार्टी हंसती है… उनका मजाक उड़ाती है… मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 2019 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने यह वादा किया था कि वह कृषि कानून में सुधार लाएंगे। अगर राहुल गांधी को यह सब याद नहीं तो उन्हें एक बार अपना घोषणापत्र दोबारा पढ़ लेना चाहिए। अगर घोषणा पत्र में इसका उल्लेख है तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी को मीडिया के सामने आकर इस बात को स्वीकार करना चाहिए और बताना चाहिए या तो वे तब झूठ बोल रहे थे या अब झूठ बोल रहे हैं।”
किसानों के तथाकथित नेता राकेश टिकैत का कहना है,”किसानों को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गठित की गई कमेटी स्वीकार नहीं है। सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत जारी रहेगी और इसी बातचीत से हल निकलेगा। ” किसानों की ओर से कहा गया कि हमारे केवल 2 बड़े मुद्दे हैं पहला तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और दूसरा एमएसपी पर लिखित गारंटी दी जाए। किसानों को कहना है कि यदि सरकार हमारी दोनों बात मानती है तो हम आंदोलन समाप्त कर देंगे।