देशभर में बहुत सारे किसान क़ृषि संशोधन कानूनों के समर्थन में हैं वहीं कुछ किसान इन कानूनों के खिलाफ हैं। आज दिल्ली में 25 किसान संगठनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कृषि कानूनों के समर्थन में एक पत्र भी सौंपा। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा है, “इन किसानों के समर्थन और समझ के साथ ही इन कानूनों को बरकरार रखा जाएगा और दूसरे किसानों को भी हम समझाने में सफल होंगे।”
किसान संगठनों से मिले समर्थन के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मुझे विश्वास है कि आप के समर्थन,सकारात्मक दृष्टिकोण और समझ के साथ इन कानूनों को लागू किया जाएगा और हम किसानों को समझाने में सफल होंगे। इन कानूनों से नया रास्ता बनेगा और भारत की खेती समृद्ध होगी।”
नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछली सरकारों के बारे में चर्चा करते हुए कहा, “एक समय था जब हमारे पास गेहूं,धान,तिलहन का अभाव था,देश की आबादी बढ़ रही थी। लेकिन हम अभाव से जूझ रहे थे, उस समय की सरकार किसान संगठनों और वैज्ञानिकों ने प्रयास किया कि हमें देश में उत्पादन बढ़ाना चाहिए।अब हम उत्पादन में सरप्लस की स्थिति में है। दुख की बात यह है कि यूपीए के समय मनमोहन सिंह जी, शरद पवार जी भी चाहते थे कि यह कानून बन जाए। लेकिन दबाव और प्रभाव का सामना नहीं कर पाए इस कारण वे कानून बनाने का यश प्राप्त नहीं कर पाए।”