इस बात से सभी लोग परिचित हैं कि उत्तर प्रदेश में घोर जातिवाद होता है और उत्तर प्रदेश की राजनीति सदैव जाति पर ही आधारित होती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को होने में अभी लगभग 2 साल हैं। उत्तर प्रदेश में अभी भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत में सरकार है। लेकिन इसी बीच ब्राह्मण और दलितों की राजनीति उत्तर प्रदेश में शुरू हो गई है।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि अगर 2022 के चुनाव में बसपा की सरकार बनी तो कोरोना संक्रमण की कमियों को ध्यान में रखकर ब्राह्मण समाज की आस्था के प्रतीक परशुराम और सभी जातियों के आज तक के प्रतीको के नाम पर अस्पताल बनवाए जाएंगे। सुविधा युक्त ठहरने का इंतजाम भी किया जाएगा। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने यह ऐलान किया था कि वह भगवान परशुराम की भव्य प्रतिमा बनवायेगी।
बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए यह भी कहा, “यदि समाजवादी पार्टी को भगवान परशुराम की प्रतिमा लगानी थी तो अपने शासन के दौरान क्यों नहीं लगा दी! बसपा किसी भी मामले में सपा की तरह नहीं! बसपा जो कहती है वो करके भी दिखाती है। बसपा सरकार बनने पर सपा की तुलना में परशुराम जी की अधिक भव्य मूर्ति लगाई जाएगी।”
राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर मायावती ने कहा कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी के साथ उस समय दलित समाज से जुड़े राष्ट्रपति भी रहते तो अच्छा रहता। यदि राष्ट्रपति कार्यक्रम में उपस्थित होते तो दलित समाज से जुड़े हुए साधु संत कुछ नहीं बोलते।