तेजस्वी सूर्या के अध्यक्ष बनने के बाद, भाजपा युवा मोर्चा को मिली नई रफ़्तार

भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को बनाए जाने के बाद भाजपा के युवा मोर्चा को एक नई पहचान और रफ्तार मिलनी शुरू हो गयी है। युवाओं के बीच तेजस्वी सूर्या की बढ़ती लोकप्रियता आने वाले समय में कुछ राज्यों में खोया हुआ भाजपा का जनाधार वापस लाने में अहम भूमिका निभा सकती है।

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भारतीय जनता पार्टी को बदलाव की पार्टी कहा जाता है। इतिहास गवाह है कि भाजपा की राजनीति कभी एक परिवार तक सीमित नहीं रही। भारतीय जनता पार्टी ने कई बार उन चेहरों पर दाव खेल कर सभी को हैरान किया है जिनको पार्टी का मुखिया बनाने के बारे में दूसरी राजनैतिक पार्टी कई बार सोचने पर मजबूर हो जाती हैं। पिछले कुछ सालों में भाजपा ने पार्टी की बागडोर युवाओं के कंधों पर डालने की ज्यादा कोशिश की है। हाल ही में नई राष्ट्रीय टीम के ऐलान के बाद भाजपा ने एक और मास्टर स्ट्रोक खेल कर सभी को चौंका दिया था। भाजपा ने राष्ट्रीय युवा मोर्चा का अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को बनाकर एक बार फिर सभी को हैरान कर दिया है। बेंगलुरु साउथ संसदीय सीट (Bangalore South) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद तेजस्वी सूर्या को बीजेपी युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

अब युवाओं पर अपनी पकड़ बनाने की जिम्मेदारी तेजस्वी सूर्या के कंधों पर है। भले ही तेजस्वी सूर्या का नाम अभी राजनीति में नया हो लेकिन ये बात सच है कि तेजस्वी ने बेहद ही कम समय में अपनी पहचान एक उभरते नेता और युवा आइकॉन के तौर पर बना ली है। भाजपा के इस कदम को काफी बड़ा माना जा रहा है क्योंकि भविष्य में भाजपा का ये कदम एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। तेजस्वी सूर्या पेशे से वकील होने के साथ एक ऊर्जावान नेता हैं जिसके बाद भाजपा युवा मोर्चा को नई रफ्तार मिलना तय माना जा रहा है।

एक ऊर्जावान युवा लीडर

तेजस्वी सूर्या एक युवा ऊर्जावान लीडर हैं जो खुद नई तरह की राजनीति और नए जमाने की सोच रखता है। तेजस्वी सूर्या युवाओं की समस्याओं और उनसे जुड़े मुद्दों से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। पहले बंगलुरु से लोकसभा टिकट देकर और फिर तेजस्वी को भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाकर युवा वर्ग के बीच एक मैसेज जाता है कि भाजपा में नए और युवा लोगों की भी सुनी जाती है और उन्हें जिम्मेदारी भी मिलती है। ये एक नई पहल है जो भाजपा के प्रति युवाओं की सोच को बदलने का काम करेगी।

12 साल की उम्र से एक्टिव

तेजस्वी सूर्या का राजनीतिक रिकॉर्ड भले ही ज्यादा पुराना नहीं है लेकिन उन्होंने बेहद ही कम समय मे सभी को अपनी राजनैतिक छवि से प्रभावित किया है। 12 साल की उम्र से ही वो किसी न किसी तरह से पब्लिक सर्विस में एक्टिव हैं। काफी कम लोग जानते हैं कि उन्हें 12 साल की उम्र में राष्ट्रीय बालाश्री अवॉर्ड मिल चुका है। ABVP का सदस्य रहने के अलावा तेजस्वी ने 2008 में एक एनजीओ भी खोला था जिसका नाम “Arise India” है। 2018 में तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में ही मैंगलोर चलो रैली का आयोजन हुआ था जिसके बाद ये रैली भाजपा के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुई थी और दक्षिण कन्नड और उडुपी जिलों में जीत इसी रैली के कारण मिली थी। यहीं से भाजपा को युवाओं के बीच तेजस्वी सूर्या की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा हुआ था।

अनंत कुमार की विरासत

कर्नाटक भाजयुमो के प्रदेश संगठन में काम कर चुके तेजस्वी को भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी तेजस्वी सूर्या को टिकट देकर चौंकाया था। इस सीट पर 1996 से लगातार अनंत कुमार जीतते आ रहे थे। अनंत के निधन के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी तेजस्विनी की जगह तेजस्वी सूर्या को चुनाव मैदान में उतार कर सभी को हैरान कर दिया था। लेकिन कौन जानता था कि ये चुनाव तेजस्वी के राजनैतिक सफर को नई ऊंचाई देगा। 28 साल की उम्र में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस महासचिव बीके हरिप्रसाद को 3,31,192 वोट से हराकर जीत दर्ज कर सभी को चौंका दिया था।

एक भाषण ने बना दिया भाजपा का हीरो

नेटवर्किंग में माहिर माने जाने वाले तेजस्वी लोगों के बीच एक प्रखर वक्ता के तौर पर अपनी पहचान रखते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी काफी फैन फॉलोइंग है। ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कहीं ना कहीं अपने बेबाक अन्दाज़ और दमदार भाषण के दम पर तेजस्वी सूर्या ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है। तेजस्वी के हर भाषण में राष्ट्रवाद की झलक दिखाई देती है। पिछले साल तेजस्वी के एक भाषण की एक वीडियो ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। इस भाषण के बाद लोग उनकी अनूठी और प्रभावी भाषण शैली की तारीफ करते नहीं थक रहे थे।

तेजस्वी सूर्या पर रहेंगी सबकी नजरें

28 अक्टूबर से बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान की शुरुआत होने वाली है। तेजस्वी सूर्या इस समय बिहार में एक के बाद एक कई बड़ी रैलियां कर युवाओं को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम है। बिहार के बाद भाजपा पाश्चिम बंगाल की ओर कूच करेगी। इसके बाद 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज जाएगा। इन सभी राज्यों में भाजपा जनाधार तय करने में तेजस्वी सूर्या का योगदान काफी अहम रहेगा। सभी की नज़रे तेजस्वी सूर्या पर रहेंगी। क्योंकि विपक्ष अच्छी तरह से जानता है कि यहां से तेजस्वी भाजपा की राजनीति में बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित होने वाले हैं।

Image Source: Tweeted by @Tejasvi_Surya

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