व्हीलचेयर क्रिकेटर्स को दिहाड़ी मजदूरी पर करना पड़ रहा है काम, BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली से मांगी मदद

इंटरनेशनल क्रिकेटर्स को दिहाड़ी मजदूरी और दूध बेच कर करना पड़ रहा अपना गुजारा

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कोरोना का असर खेल जगत पर भी बुरी तरह से पड़ा है। लॉकडाउन के चलते कई खिलाड़ियों को दिहाड़ी मजदूरी पर काम करके अपना गुजारा करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि देश के लिए खेल चुके व्हीलचेयर क्रिकेटर दिहाड़ी मजदूरी और दूध बेचने को मजबूर हो गए हैं। जिसके बाद अब टीम इंडिया के कप्तान सोमजीत सिंह ने व्हीलचेयर क्रिकेटर्स की ओर से बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली से मदद की गुहार लगाई है। कप्तान सोमजीत सिंह का कहना है कि उन्हें एसोसिएशन की ओर से मदद का वादा किया गया था लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया।

सोमजीत सिंह का कहना है कि अभी तक बोर्ड की ओर से कमेटी तक गठित नहीं की गई है। दरअसल कुछ ही समय पहले सुप्रीम कोर्ट की गठित लोढ़ा कमेटी ने व्हीलचेयर क्रिकेटरर्स के लिए कमेटी गठित करने की सिफारिश की थी, लेकिन अब तक बीसीसीआई ने कुछ नहीं किया है। इसके अलावा सोमजीत सिंह ने ये भी कहा है कि उन्हें विदेश अपने खर्चे पर जाना पड़ रहा है। सोमजीत सिंह ने कहा, ”मैं 2018 से टीम इंडिया का कप्तान हूं। हमें अपने खर्चे पर ही विदेश दौरे पर जाना पड़ता है।

पिछले साल नेपाल दौरे के लिए 15 हजार रुपए देने पड़े थे। बीसीसीआई से मान्यता नहीं होने के कारण स्टेट एसोसिएशन से भी व्हीलचेयर क्रिकेट को बढ़ावा नहीं दिया जाता है।” यही कारण है कि अब व्हीलचेयर क्रिकेटर दिहाड़ी मजदूरी और दूध बेचने को मजबूर हो गए हैं। हालांकि दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबित बोर्ड ने दिव्यांग क्रिकेटर्स को लेकर समिति गठित करने का आश्वाशन दिया है।

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