25 वर्षीय एमबीए छात्र की गिरफ्तारी के साथ, हैदराबाद पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय किडनी गिरोह का पर्दाफाश

आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए आरोपी ने की किडनी गिरोह की शुरुआत।

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प्रतीकात्मक चित्र

हैदराबाद पुलिस ने हाल ही में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जो जरूरतमंदों से किडनी का बंदोबस्त करवाने के नाम पर उनसे मोटी रकम ऐंठता था। लेकिन अबकी बार उस आरोपी ने 34 लाख रुपये में किडनी का बंदोबस्त करवाने की बात कहकर रुपये लेकर फरार हो गया। हालांकि उस ठग को गिरफ्तार किया जा चुका है, और इसके साथ ही एक अंतरराष्ट्रीय किडनी गिरोह का भी पर्दाफाश किया गया है। हैदराबाद पुलिस ने शनिवार को बताया कि 25 वर्षीय एमबीए छात्र की गिरफ्तारी के साथ किडनी की अवैध तरीके से बिक्री में शामिल गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपी युवक किडनी दाताओं और उन्हें लेने वालों के बीच बिचौलिये का काम करता था। हैदराबाद पुलिस की एक विज्ञप्ति के अनुसार, एक पीड़ित ने पिछले साल आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया था कि उसने श्रीलंका और तुर्की में अपने स्रोतों के जरिये किडनी का बंदोबस्त करने का वादा करके 34 लाख रुपए ले लिए थे और उसके परिवार के सदस्यों के पासपोर्ट की प्रतियां भी ले लीं।

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हालांकि पुलिस ने बताया कि रकम लेने के बाद आरोपी किडनी दाता का इंतजाम नहीं कर सका और पैसे लेकर फरार हो गया। आरोपी युवक के खिलाफ आइपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान शुक्रवार को शहर से आरोपी को दबोच लिया गया और उससे सघन पूछताछ की गई। उसके पास से शिकायतकर्ता और अन्य लोगों से तुर्की तथा श्रीलंका की यात्रा कराने के लिए ली गयीं पासपोर्ट की प्रतियां जब्त की गईं। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने कुछ साल पहले अपने आर्थिक हालात को सुधारने के लिए श्रीलंका में एक किडनी दान की थी, जिसके बाद वह वहां कुछ डॉक्टरों के संपर्क में आया था। इसके बाद वह एजेंट की तरह काम करने लगा। पिछले साल अक्‍टूबर में यूपी के कानपुर में भी एक किडनी रैकेट का खुलासा हुआ था। पिछले साल ही अप्रैल महीने में दिल्‍ली पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर एक अंतरराष्‍ट्रीय किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया था।

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