उत्तरप्रदेश पुलिस ने कानपुर हत्याकांड मामले में बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एनकाउंटर के समय भाग जाने वाले एसओ और दरोगा को गिरफ्तार कर लिया है। चौबेपुर के SO विनय तिवारी पर विकास दुबे के बचाव का आरोप लगा है और यह भी कहा जा रहा है कि विकास दुबे ने के.के. शर्मा को गांव में पुलिस ना भेजने की हिदायत दी थी। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बातचीत में बताया कि दरोगा केके शर्मा और SO विनय तिवारी एनकाउंटर के वक्त मौजूद थे लेकिन जैसे फायरिंग शुरु हुई वैसे ही यह दोनों भाग खडे हुए। एसएसपी दिनेश प्रभु का कहना है कि केके शर्मा और विनय तिवारी ने विकास को रेड की जानकारी दी थी।
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इससे पहले उत्तरप्रदेश पुलिस प्रशासन ने मामले की जाँच कर रहे डी.आई.जी अनंत देव त्रिपाठी का तबादला कर दिया है। इस हत्याकांड में शहीद हुए डी एस पी देवेंद्र ने तत्कालीन एस एस पी अनंत देव को एक पत्र लिखा था जिसमे देवेंद्र ने कहा था कि चौबेपुर थाना के थानेदार विनय तिवारी विकास दुबे को बचाने का प्रयास कर रहें हैं। इसके अलावा यह भी बात सामने आयी है कि विकास दुबे ने हत्याकांड से पहले के के शर्मा को फोन पर धमकाया था। कानपुर हत्याकांड के बाद अभी तक विकास दुबे तो उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ नहीं लगा है लेकिन बुधवार की सुबह विकास दुबे के साथी अमर दुबे को यूपी एसटीएफ की टीम ने हमीरपुर में ढेर कर दिया है। अमर दुबे को विकास दुबे का दायाँ हाथ बताया जाता था।
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