पिछले कुछ वर्षों में पूरे विश्व में बीमारियों की संख्या में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। यह सब हमारे द्वारा स्वास्थ्य को नज़रअंदाज करने का ही नतीजा है। बीमारी से बचने के लिए लोग एलोपैथिक दवाइयों का सहारा लेते हैं तो उसके साइड इफेक्ट्स से कोई अन्य बीमारी उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में आज के समय फिज़ियोथैरेपिस्ट्स की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। आपके शरीर के किसी भी हिस्से में कैसा भी दर्द या बीमारी क्यों ना हो, फिज़ियोथैरेपी (Physiotherapy) के ज़रिए आज उसका सटीक इलाज आसानी से किया जा सकता है।
फिज़ियोथैरेपी चिकित्सा की वह प्रणाली है जिसमें बिना किसी दवाई की मदद से शरीर के अंदर मौजूद बीमारी को जड़ से खत्म कर दिया जाता है। इसके अंतर्गत मरीज का विभिन्न प्रकार की एक्सरसाइज, मसाज, एक्यू प्रैशर पॉइंट, वॉटर थैरेपी और इलैक्ट्रिक थैरेपी जैसी तकनीकों के जरिए इलाज किया जाता है। अगर आप भी अपने करियर को लेकर चिंतित हैं और मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो फिज़ियोथैरेपी (Physiotherapy) का कोर्स आपके लिए बेस्ट साबित हो सकता है।
क्यों बनाए फिज़ियोथैरेपी के क्षेत्र में करियर
फिज़ियोथैरेपी (Physiotherapy) की डिमांड भारत में तेजी से बढ़ रही है। अभी इस देश में केवल 8 से 10 हज़ार रजिस्टर्ड फ़िज़ियोथेरेपिस्ट कार्यरत हैं। लेकिन एक स्टडी के मुताबिक आने वाले कुछ सालों में हर 10 हज़ार व्यक्तियों के ऊपर एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट की आवश्यकता होने वाली है। इससे साफ जाहिर है कुछ सालों के भीतर ही फिज़ियोथैरेपी की मांग में जबरदस्त इजाफा होने वाला है। केवल भारत ही नहीं अमरीका, रुस, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे विकसित देशों में भी फ़िज़ियोथेरेपिस्ट की मांग लगातार बढ़ रही है।
कुछ छात्र 12वीं में मेडिकल साइंस डॉक्टर बनने के लिए सिलेक्ट करते हैं। लेकिन देश में एमबीबीएस कॉलेजों की कमी और सीमित सीटों के कारण कई बार वह अपनी राह से भटक जाते हैं और निराश हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो बीपीटी (बैचलर्स ऑफ फिज़ियोथैरेपी) का कोर्स कर अपने जीवन को एक अच्छी दिशा प्रदान कर सकता है।
कैसे लें कोर्स में दाखिला
फिज़ियोथैरेपी (Physiotherapy) का कोर्स जॉइन करने के लिए आपके पास 12वीं में साइंस स्ट्रीम के साथ बायोलॉजी सब्जेक्ट का होना अनिवार्य है। साथ ही दाखिला लेने वाले छात्र की उम्र 17 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। बीपीटी कोर्स के लिए अधिकतर कॉलेजों में दाखिला एक लिखित परीक्षा द्वारा किया जाता है। वहीं कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटीयों में मेरिट लिस्ट और मैनेजमैंट कोटा के जरिए भी एडमिशन का प्रोसेस पूरा होता है।
कोर्स की अवधि और फीस
फिज़ियोथैरेपी (Physiotherapy) का डिग्री कोर्स दो चरण में होता है- बैचलर्स और मास्टर्स। इसके बैचलर कोर्स की अवधि साढ़े चार वर्ष की होती है, जिसमें 6 माह की अनिवार्य इंटर्नशिप प्रोग्राम भी शामिल है। वहीं बात अगर मास्टर्स कोर्स की करें तो इसकी अवधि दो साल की होती है। मास्टर्स कोर्स जॉइन करने के लिए आपके पास फिज़ियोथैरेपी की बैचलर डिग्री होना जरुरी है।
बीपीटी के बैचलर कोर्स की फीस 2 से 5 लाख रुपए तक होती है, जो सभी यूनिवर्सिटीयों और कॉलेजों के मुताबिक अलग-अलग होती है। सेंट्रल यूनिवर्सिटीयों से अगर आप यह कोर्स जॉइन करते हैं तो उसकी फीस बहुत कम होती है, लेकिन उसमें एडमिशन पाना उतना ही कठिन होता है। आप 12वीं या ग्रैजुएशन के बाद फिज़ियोथैरेपी के एक साल के डिप्लोमा कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। हालाकिं ऐसा करने से आप केवल एसिस्टेंट फिज़ियोथैरेपिस्ट ही बन सकते हैं, जो आगे चलकर आपके करियर ग्राफ में रुकावट डाल सकता है।
अच्छा फिज़ियोथैरेपिस्ट बनने के लिए जरुरी स्किल्स
एक अच्छा फिज़ियोथैरेपिस्ट बनने के लिए किसी कॉलेज से बीपीटी की डिग्री लेना ही काफी नहीं होता है। अगर आप इस क्षेत्र में एक शानदार करियर बनाना चाहते हैं तो इन स्किल्स को अपने अंदर डेवलप करने की कोशिश करें-
कम्युनिकेशन स्किल्स
एक फिज़ियोथैरेपिस्ट का काम लोगों से बात कर उन्हें समझाना होता है। इसके लिए आपके अंदर अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स का होना बेहद जरूरी है। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स से मरीजों को आपका बर्ताव तो पसंद आएगा ही, साथ ही उन्हें थैरेपी के दौरान भी बोरियत महसूस नहीं होगी।
पेशेंस (सहनशक्ति)
फिज़ियोथैरेपिस्ट कोई जादुई गोली नहीं देते कि किसी भी बीमारी में तुरंत आराम आ जाएगा। यह एक लंबा प्रोसेस है, जिसमें कुछ महीनों या 1-2 साल का वक्त भी लग सकता है। ऐसे में आपके अंदर सहनशक्ति का होना बहुत जरुरी है। अगर आपका दिमाग शांत नहीं रहेगा तो मरीज को आप अच्छे से थैरेपी नहीं दे सकेंगे, जिससे पेशेंट भी बेचैन होने लगेगा।
आत्मविश्वास
फिज़ियोथैरेपी का काम केवल शारीरिक ही नहीं मानसिक बीमारी से लड़ना भी होता है। एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट को अपने पेशेंट को यह विश्वास दिलाना होता है कि बिना किसी दवाई की मदद से केवल एक्सरसाइज और थैरेपीज़ से ही उसकी सभी बीमारियां दूर हो जाएगी। पेशेंट को विश्वास दिलाने के लिए आपके स्वयं के अंदर आत्मविश्वास होना जरुरी है।
कोर्स के बाद करियर स्कोप और सैलरी
बीपीटी का कोर्स पूरा हो जाने के बाद आपके पास कई प्रकार के विकल्प मौजूद है। हालांकि सभी जगह आपका काम एक जैसा ही रहने वाला है, लेकिन आप अपनी रुचि के अनुसार अपनी फील्ड तय कर सकते हैं –
प्राइवेट व सरकारी अस्पताल में करें अप्लाई
आज सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में फिज़ियोथैरेपी (Physiotherapy) की मांग बढ़ने लगी है। ऐसे में अगर आप किसी अस्पताल से अपने करियर की शुरूआत करना चाहते हैं तो यह एक अच्छा विकल्प है। एक प्राइवेट अस्पताल में आपको शुरु में 10-15 हज़ार रुपए प्रति माह तक वेतन मिलेगा। वहीं सरकारी अस्पताल में यह आँकड़ा 30 हज़ार से शुरु होता है।
प्राइवेट ऑर्गनाइज़ेशन के साथ जुड़े
ऊपर हमने आपको बताया था कि बीपीटी का कोर्स करने के बाद भी आप अपनी रुचि के अनुसार कार्यक्षेत्र तय कर सकते है। आज फिज़ियोथैरेपिस्ट की मांग हर क्षेत्र में होने लगी है। रिहैबिलिटेशन सेंटर्स, जिम एंड स्पा, स्पोर्ट्स सेंटर, मसाज पार्लर, हेल्थ सेंटर्स, ओल्ड एज होम, दिव्यांग बच्चों के स्कूल आदि सभी जगह आज फिज़ियोथैरेपिस्ट के लिए स्कोप है। इन सभी जगहों पर आप शुरुआत में 8-10 हज़ार रुपए प्रतिमाह तक कमा सकते हैं। थोड़े अनुभव के साथ ही आपकी सैलरी 25-30 हज़ार तक पहुंच जाएगी।
प्राइवेट प्रैक्टिस है बेस्ट ऑप्शन
कोर्स पूरा होने के बाद आप अपना खुद का क्लिनिक भी खोल सकते हैं। आज जगह-जगह फिज़ियोथैरेपिस्ट अपना क्लिनिक खोल लाखों रुपए महीना कमा रहे हैं। एक प्राइवेट फिज़ियोथैरेपिस्ट एक मरीज से 250-400 रुपए प्रति घंटा तक चार्ज कर रहा है। ऐसे में आप आसानी से दिन में 2500 से 3000 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।
विदेश में सेटल होने का विकल्प भी मौजूद
फिज़ियोथैरेपिस्ट के लिए फिलहाल भारत में ज्यादा स्कोप मौजूद नहीं है और जो विकल्प मौजूद है, वहां सैलरी अन्य चिकित्सक प्रोफेशन के मुकाबले काफी कम है। विदेश में फिज़ियोथैरेपिस्ट्स की डिमांड काफी है और आप आसानी से वहां 3-4 लाख रुपए प्रति महीना कमा सकते है। अमरीका और यूरोपियन देशों में फिज़ियोथैरेपी (Physiotherapy) के प्रोफेसर्स की डिमांड भी काफी ज्यादा है। अगर आप टीचिंग के प्रोफेशन में करियर बनाना चाहते है, तो भी विदेश में सेटल होना एक अच्छा विकल्प है।
बीपीटी का कोर्स कराने वाले कुछ प्रमुख संस्थान
- अपोलो फिज़ियोथैरेपी कॉलेज, आंध्र प्रदेश
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट फॉर फिज़िकली हैंडीकैप्ड, दिल्ली
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च, पटना
- जेएसएस कॉलेज ऑफ फिज़ियोथैरेपी, कर्नाटक
- महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल एजुकेशन, केरल
- केजे सोमैया कॉलेज ऑफ फिज़ियोथैरेपी, मुंबई
- डिपार्टमेंट ऑफ फिज़िकल मेडीसिन एंड रिहैबिलिटेशन, तमिलनाडु