कांग्रेस की MLA अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी के लिए खड़ी की मुश्किल, विधायक की कुर्सी से हटाना भी आसान नहीं

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प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच चल रही बस पॉलिटिक्स में अब कांग्रेस पार्टी के अन्य नेताओं ने भी अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के सदर से विधायक अदिति सिंह ने यूपी में कांग्रेस द्वारा शुरू की गयी बस पॉलिटिक्स पर सवाल खड़े किये थे। कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे क्रूर मजाक करार दिया था।

जिसके बाद यूपी में चल रही सियासत और गर्मा गयी थीं। अदिति सिंह के बयान के बाद से ही उन्हें पार्टी से निलंबित करने की मांग उठने लगी है। हालांकि अभी तक उनके निलंबन या सदस्यता रद्द करने को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है। बता दें की इससे पहले भी अदिति सिंह अपने बगावती बयानों को लेकर चर्चा में रही है। उनकी सदस्यता रद्द करने को लेकर पिछले साल याचिका भी दायर की जा चुकी है। लेकिन अदिति सिंह की सदस्यता रद्द करना कांग्रेस के लिए इतना आसान नहीं होने वाला।

बीजेपी के पास है निलंबन का अधिकार

किसी भी विधायक या संसद को अयोध्य तभी घोषित किया जा सकता है जब वह किसी अन्य पार्टी में शामिल हो। इसे दल बदल कानून भी कहा जाता है। कांग्रेस के सामने मुश्किल ये है कि यूपी में विधायक को अयोध्य घोषित करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास है जो इस समय बिजेपी के ह्रदय नारायण दीक्षित हैं। ऐसे में जब तक बीजेपी नहीं चाहेगी, तब तक अदिति सिंह की MLA की कुर्सी छीनना मुश्किल होगा।

पहले भी कांग्रेस लिख चुकी है पत्र

अदिति सिंह की सदस्यत रद्द करने को लेकर पहले भी कांग्रेस पार्टी हृदय नारायण दीक्षित को पत्र लिख चुकी है। लेकिन अभी तक पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। कांग्रेस पत्र का रिमाइंडर भी भेज चुकी है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि भले ही कांग्रेस अदिति को पार्टी ने निकाल दे लेकिन उनकी सदस्यता रद्द नहीं कर सकती।

जाने क्यों चर्चा में आई अदिति सिंह

अदिति सिंह ने यूपी में प्रियंका गांधी और सीएम योगी के बीच जारी बस पोलिटीक्स को लेकर ट्वीट कर नया विवाद खड़ा कर दिया था। अदिति ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े किए थे। ट्वीट करते हुए अदिति ने कहा था ‘आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत ,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई। अदिति ने आगे कहा कोटा में जब UP के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बार्डर तक ना छोड़ पाई, तब श्री @myogiadityanath जी ने रातों रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।

Image Source: Tweeted by @NEWS9TWEETS

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