सिर्फ जनता को गुमराह कर रही केन्द्र सरकार, कांग्रेस प्रवक्ता मनु सिंधवी का केंद्र सरकार पर हमला

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नई दिल्ली | कोरोना संकट के बीच पक्ष और विपक्ष सरकार के बीच राजनीति का गरम माहौल देखने को मिल रहा है। कांग्रेस पार्टी लगातार सरकार के ऊपर कोरोना से ठीक तरह से ना निपट पाने का आरोप लगाती रही है। इस बीच कांग्रेस ने कोरोना संकट से निपटने और लॉकडाउन से जुड़ी रणनीति को लेकर बुधवार को सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार ऑटो पायलट पर चल रही है? और सिर्फ जनता को गुमराह कर रही है ?

कांग्रेस के पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना वायरस के संकट के समय विभिन्न समितियों एवं कार्यबल को दरकिनार किया जा रहा है और सिर्फ एक व्यक्ति के स्तर पर फैसले हो रहे हैं। मनु सिंधवी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से रूबरू होते हुए कहा, “सरकार में कोई संवेदनशीलता और क्षमता नहीं है। यह इस सरकार की पहचान बन गयी है। बिना सोचे-समझे लॉकडाउन किया गया। सिर्फ तीन मई से 18 मई के बीच मामले 28 हजार से एक लाख से ऊपर पहुंच गए हैं।”

सिंघवी का कहना है कि जांच के मामले में भारत अभी दुनिया के कई देशों से पीछे है और यहां प्रति हजार लोगों पर सिर्फ 1.67 जांच हो रही है। सरकार की ओर से गठित कोविड-19 कार्यबल ने आंकड़ों की बाजीगरी की है। सिंघवी ने सवाल किया कि बिना योजना के आनन-फानन में अचानक घोषित किए गए लॉकडाऊन के प्रति भारत का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। क्या सरकार ऑटो पायलट पर चल रही है? क्या सरकार बिना खेद या पश्चाताप के लोगों को गुमराह कर रही है? क्या वह अपने खुद के कार्यबल के सदस्यों को भी दरकिनार करती है?

इसके साथ ही सिंधवी ने लॉकडाउन के चलते देश में बढ़ रहे बेरोजगारी को लेकर भी सरकार को घेरा है। सिंघवी ने कहा कि ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के अनुसार 3 मई को भारत में बेरोजगारी की दर इस समय 27.1 प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर है। भारत में बेरोजगारी के आंकड़े अमेरिका के मुकाबले चार गुना ज्यादा हैं। सीएमआईई के आंकड़े बताते हैं कि 12.2 करोड़ लोग, जिन्होंने अपनी आजीविका खो दी, उनमें 9.13 करोड़ लोग छोटे कारोबारी एवं मजदूर हैं। 1.78 करोड़ वेतनभोगियों एवं 1.82 करोड़ स्वरोजगारियों ने भी अपनी आजीविका खो दी।

Image Source: Tweeted by @ians_india

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