17 दिनों से चले आ रहे मध्यप्रदेश के राजनीतिक ड्रामे का अंत आखिरकार हो ही गया है। 15 महीनों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के बाद कमलनाथ ने शुक्रवार को प्रैस कॉन्फ्रेंस कर अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। कमलनाथ ने माना कि सरकार बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त नबंर नहीं है। जिसके बाद शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना ही कमलनाथ ने सीएम पद की कुर्सी से इस्तीफा देने का फैसला किया। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिनों तक चली सुनवाई के बाद कमलनाथ सरकार को बहुमत सामित करने के लिए शुक्रवार शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए थे लेकिन कमलनाथ सरकार ने 5 बजे से पहले ही सरेंडर कर दिया।
दोपहर 12 बजे शुरू हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने बीजेपी पर सरकार गिराने की साजिश करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य की जनता धोखा देने वाले बागियों को माफ नहीं करेगी। कमलनाथ ने आगे कहा 15 साल बीजेपी को मिले और मुझे 15 महीने मिले। इन 15 महीनों में प्रदेश की जनता गवाह है कि मेरे द्वारा किए गए काम बीजेपी को रास नहीं आए। आप जानते हैं कि जब सरकार बनी तो पहले ही दिन से साजिश शुरू कर दी। कमलनाथ के इस्तीफे के बाद अब इस बात के कयास लगाए जा रहें है कि भाजपा की ओर से एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश में सरकार बनाने का दावा कब पेश करेंगे।