बिहार । भूमिहार जाति से राजद के राज्यसभा उम्मीदवार की घोषणा होते ही बिहार का राजनीतिक तापमान गर्म हो चुका है और इस निर्णय का विश्लेषण पार्टियां अपने-अपने हिसाब से कर रही हैं। वैसे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव अपने फैसलों से पहले भी सबको चौकाते रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार के नाम का एलान कर लालू ने एक बार फिर से सबको चौंका दिया है। बुधवार तक आरजेडी की तरफ से प्रेम गुप्ता के साथ-साथ फैसल अली का नाम आगे चल रहा था। लेकिन तेजस्वी के पटना पहुंचने के साथ ही पासा पलट गया और फैसल का पत्ता भी। आधी रात के बाद पालीगंज के रहने वाले अमरेंद्र धारी सिंह का नाम सामने आ गया। बिहार की राजनीति के लिए अमरेंद्र धारी सिंह बिल्कुल अंजाना चेहरा हैं। ना तो उन्हें कोई जानता है और ना ही वह कभी राजनीति में सक्रिय रहे हैं। अमरेंद्र धारी सिंह पटना जिले के ही दुल्हन बाजार इलाके के रहने वाले हैं। उनका पूरा कारोबार दिल्ली से-ही संचालित होता है। रियल स्टेट से लेकर फर्टिलाइजर और केमिकल इंडस्ट्री में उनका कारोबार फैला हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार अमरेंद्र धारी सिंह अविवाहित हैं और पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी में उनका अपना बंगला भी है। सूत्रों की मानें तो अमरेंद्र धारी सिंह को राज्यसभा भिजवाने के लिए बिहार के दो बड़े पूर्व अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान है। एक पूर्व आईएएस अधिकारी जिनका घर भी अमरेंद्र धारी के ही घर के पास है उन्होंने लालू यादव से बातचीत के लिए जमीन तैयार की जिसपर चलकर ए डी सिंह राजद से राज्यसभा उम्मीदवार घोषित हुए। अमरेंद्र सिंह इसके पहले बिहार में अभ्यानंद की सुपर थर्टी को भी फाइनेंस कर चुके हैं। सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाले ए डी सिंह का कारोबार काफ़ी लंबा चौड़ा है। चुनावी साल में आरजेडी को ऐसे ही उम्मीदवार की तलाश थी। जिससे एक तीर से कई निशाना लगाया जा सके।
तेजस्वी के नए पॉलिटिकल मॉडल के मुताबिक अमरेंद्र धारी सिंह बिल्कुल फिट बैठते हैं। तेजस्वी यादव पहले से भी कहते आ रहे हैं कि उनकी पार्टी केवल यादव और मुस्लिम की राजनीति नहीं करती, सवर्णों को भी उनकी पार्टी में तरजीह दी जा रही है। अब भूमिहार जाति से आने वाले अमरेंद्र धारी सिंह को राज्यसभा भेजकर तेजस्वी अपने दावों को सही साबित कर दिया। अब आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में इसका कितना असर होगा ये तो समय ही बताएगा लेकिन भाजपा, राजद के इस कदम पर चुटकी लेने से नहीं चूक रही है।
Image Attribution: Ministry of Railways (GODL-India) / GODL-India