राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी सुर्खियों में आने का मौका किसी भी तरह ढ़ूंढ ही लेती है। इस बार आरजेडी एक अनोखे तरह से चर्चा में है। दरअसल कुछ ही महीनों बाद बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी में जुटी राष्ट्रीय जनता दल ने हाल ही में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की। इस कार्यकारिणी में राबड़ी देवी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन इसके बाद राष्ट्रीय सचिव की घोषणा करते हुए आरजेडी ने सभी को चौंका दिया। साल 2019 में जेडीयू का दामन थाम चुकी प्रोफेसर कुमकुम राय को राजद की कार्यकारिणी का राष्ट्रीय प्रधान सचिव बना दिया गया।
लेकिन आरजेडी शायद भूल गई कि कुमकुम अब उनकी पार्टी का हिस्सा नहीं है। आरजेडी ने दावा किया कि लालू प्रसाद यादव की अनुमति के बाद ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई है। खुद को इस मामले में फंसते देख बाद में आरजेडी ने सफाई देते हुए इसे टाइपिंग की गड़बड़ी बताया। कार्यकारिणी में अपने नाम की जानकारी मिलने के बाद कुमकुम राय ने खुद को जेडीयू के साथ बता कर इस मामले की तस्वीर की। लेकिन तब तक लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी हर किसी के निशान पर आ गई। जेडीयू के नेताओं नें आरजेडी पर जमकर निशाना साधा। जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा है कि राजद अपने राजनैतिक संगठन में भी जंगलराज कायम करने पर उतर आया है। राजद की कार्यकारिणी में भी बड़ी जालसाजी हुई है। जदयू नेता का राजद का राष्ट्रीय सचिव बनाया जाना इसका जीता-जागता उदाहरण है।
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