बिहार | दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी की जीत के सूत्रधार और रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर बिहार राज्य में जाकर मु्श्किल में फंस गए है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से निष्कासित किए गए प्रशांत किशोर ने 7 महीने बाद बिहार राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ‘बात बिहार की’ कैंपेन की शुरुआत की। लेकिन कुछ ही दिनों बाद प्रशांत पर कंटेट चोरी का आरोप लग गया। जिसके बाद उनके खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज किया गया। वहीं अब पटना की अदालत ने कंटेंट चोरी मामले में प्रशांत किशोर की जमानत की अर्जी को शनिवार को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 मार्च की डेट तय की है।
कोर्ट के आदेश के बाद साफ हो गया है कि प्रशांत किशोर की ये मुश्किल आने वाले समय में और भी बढ़ सकती है। बता दें कि शाश्वत गौतम नामक एक शख्स ने प्रशांत किशोर पर ‘बात बिहार की’ का कंटेट चोरी करने का आरोप लगाते हुए पटना के पाटलिपुत्र थाने में प्रशांत के खिलाफ फर्जीवाड़े का केस दर्ज कराया था। शाश्वत गौतम ने प्रशांत किशोर के अलावा अन्य युवक ओसामा पर कंटेंट चोरी का आरोप लगाया है। बता दें कि ओसामा पटना विश्वविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव लड़ चुका है। प्रशांत किशोर के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 406 (विश्वास तोड़ना) के तहत मामला दर्ज कराया गया है।