शपथ से पहले दिल्ली की सियासत में उबाल, शिक्षकों को लेकर बयानबाजी पर राजनीती तेज

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आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल कल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। केजरीवाल के इस शपथ समारोह में केवल दिल्ली के नेता ही मौजूद रहेंगे। केजरीवाल ने अपने शपथ के लिए देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ साथ बीजेपी के सातों सांसदों को समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा है। केजरीवाल और उनके अन्य मंत्री दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण करंगे। आप ने इस बार दिल्ली चुनाव में 70 में से 62 सीटों पर अपना परचम लहराया है।

अरविन्द केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में शिक्षको को बुलाने पर सियासत गरमा गयी है। बीजेपी ने पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि, शिक्षकों को शपथ ग्रहण संमारोह में जबरन बुलाया जा रहा है। जिस पर आम आदमी पार्टी ने पलटवार करते हुए कहा की बीजेपी को शिक्षको का सम्मान करना सीखना चाहिए।

मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस पर भी पलटवार किया और कहा कि कांग्रेस और बीजेपी को शिक्षकों का सम्मान करना नहीं आता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कि जनता ने केजरीवाल मॉडल ऑफ़ डेवलपमेंट को जिताया है, यह उनकी जीत है। साथ ही मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के लोग ही शपथ समारोह के मुख्या अतिथि होंगे, साथ ही साथ शहीदों के परिजनों को भी निमंत्रित किया गया है। इस शपथ संमारोह में केजरीवाल के साथ साथ 6 मंत्रियों की भी शपथ होगी, और नए कैबिनेट में कोई भी नया चेहरा नहीं होगा। पूर्व के सभी मंत्रियों को फिर से मौका दिया जायेगा।

Image Source: Tweeted by @ArvindKejriwal

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