प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब तीनों कृषि दोनों को वापस लेने का ऐलान किया था, तब लगातार यह सवाल उठ रहे थे कि क्या किसान अपने घर वापस जाएंगे या फिर नहीं? इस मामले को लेकर सरकार ने किसानों की कई और मांगों पर विचार किया और अपनी सहमति जाहिर कर दी। लेकिन फिर लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि अब किसान नेता क्या करेंगे या किसान नेता किसी पार्टी को ज्वाइन करेंगे या फिर अपना दल बनाएंगे? धीरे-धीरे इन सवालों पर से भी पर्दा हटने लगा है। किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने राजनीतिक पार्टी के गठन का एलान कर दिया है। उनकी पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी होगा। चंडीगढ़ में पार्टी की घोषणा करते हुए चढूनी ने कहा कि राजनीति प्रदूषित हो गई है। इसे बदलने की जरूरत है। पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाले नीति निर्माताओं, पूंजीपतियों के पक्ष में नीतियां बनाई जा रही हैं। आम आदमी, गरीबों के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए हम अपनी नई पार्टी लॉन्च कर रहे हैं।
देश में पार्टियों की कमी नहीं है परन्तु आज देश में बदलाव की ज़रूरत है। इन पार्टियों ने राजनीति को व्यापार बना लिया है। राजनीति में बदलाव लाने के लिए, राजनीति को शुद्ध करने के लिए हम अपनी नई धर्मनिरपेक्ष पार्टी 'संयुक्त संघर्ष पार्टी' लॉन्च कर रहे हैं: गुरनाम सिंह चढूनी pic.twitter.com/frcRAMnAlJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2021
आपको बता दें कि गुरनाम सिंह ने कुछ समय पहले ही कहा था कि मैं जल्द ही एक राजनीतिक पार्टी लॉन्च करूंगा। अब आज उन्होंने चंडीगढ़ से अधिकारिक रूप से पार्टी का ऐलान कर दिया है। तीन कृषि कानूनों को रद करने के बाद भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। चढूनी ने कहा कि तानाशाही को खत्म करने के लिए राज बदलना होगा। ऐसे लोगों को राजनीति में आगे लाना होगा जो सही मायने में देश व जनता का भला कर सकें। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में टोल टेक्स में बढ़ोतरी की गई तो भारतीय किसान यूनियन इसका डटकर विरोध करेगी। एकजुटता के साथ ही इतनी बड़ी लड़ाई को बिना हथियार के फतह किया गया है।