पूरे देश की राजनीति में सांप्रदायिकता का तड़का लगाने वाले असदुद्दीन ओवैसी अब उत्तर प्रदेश में भी अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। इसी बीच यह भी कहा जा रहा है कि ओवैसी की पार्टी ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-ए-मुस्लमीन समाजवादी पार्टी से हाथ मिला सकती है लेकिन इसके लिए एक बड़ी शर्त रखी गई है। ए आई एम आई एम का कहना है कि उनकी पार्टी सपा के साथ गठबंधन में शामिल हो सकती है लेकिन तभी जब किसी वरिष्ठ मुस्लिम एमएलए को उपमुख्यमंत्री बनाने क़ी घोषणा की जाए।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार है मगर इसमें शर्त यह रहेगी कि सरकार बनने पर उप मुख्यमंत्री मोर्चे के किसी वरिष्ठ मुस्लिम विधायक को बनाया जाए। ए आई एम आई एम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी लगातार उत्तर प्रदेश के विभिन्न मुस्लिम बाहुल्य जिलों में जाकर अपनी पार्टी के धरातल को मजबूत कर रहे हैं और दूसरी पार्टी के मुस्लिम वोटर्स को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि जैसे ही असदुद्दीन ओवैसी ने यूपी के चुनाव में एंट्री की है उन पर भाजपा की बी टीम होने का तमका लगा दिया गया है। अन्य विपक्षी पार्टियों का कहना है कि जहां-जहां भी असदुद्दीन ओवैसी चुनाव लड़ते हैं वह वोटर्स का ध्रुवीकरण होता है और हिंदू वोट एक साथ होकर भाजपा के पाले में चला जाता है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि यूपी में संगठनात्मक ढांचा खड़ा हो गया है। सभी 75 जिलों में जिला अध्यक्ष बना दिये गये हैं, जिला इकाईयां भी गठित हो चुकी हैं। पार्टी यूपी के इस बार के विधान सभा चुनाव में सौ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का एलान पहले ही कर चुकी है। बातचीत में शौकत अली ने कहा कि हम तो चाहते हैं कि इस बार यूपी में अगर भाजपा को रोकना है तो सपा-बसपा के साथ हमारा भागीदारी संकल्प मोर्चा मिलकर लड़ें। इससे मुसलमानों का बीस प्रतिशत वोट बिखरने से बच जाएगा। मोर्चे के संयोजक ओम प्रकाश राजभर सत्ता को पाने के लिए इतने लालायित हैं कि उन्होंने जो यह भी कह दिया है कि अगर उनके मोर्चे की सरकार बनती है तो प्रदेश में हर साल नया मुख्यमंत्री होगा यानि पांच साल के कार्यकाल में प्रदेश में पांच मुख्यमंत्री होंगे। हालांकि कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि उनके हिंदू विरोधी बयानों के कारण उनके अपने वोटर्स भी होने वोट नहीं देंगे।