पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही हिंसा को लेकर वहां के राज्यपाल जगदीप धनखड़ काफी चिंतित लगा रहे हैं। पिछले दिनों हिंसा का शिकार हुए लोगों से मिलने जब राज्यपाल गए थे तो वहां के कुछ लोगों ने राज्यपाल का रास्ता रोककर उन्हें काले झंडे दिखाने की भी हिमाकत की थी। एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति के साथ इस तरह का व्यवहार निश्चित रूप से कानून व्यवस्था की असली तस्वीर दिखाता है। पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर काबू पाने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानने हेतु राज्यपाल ने मुख्य सचिव एसके द्विवेदी को अपने पास बुलाया।
उन्होंने यह भी दावा किया राज्य पुलिस राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने के लिए सत्ताधारी व्यवस्था के विस्तार के तौर पर काम कर रही है। धनखड़ ने ट्विटर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि बंगाल में लाखों लोग विस्थापित किये जा रहे हैं एवं करोड़ों रुपयों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, कानून-व्यवस्था का बहुत ही चिंताजनक परिदृश्य। सुरक्षा के माहौल के साथ गंभीर समझौता किया जा रहा है। ऐसी मुश्किल स्थिति में (मैंने) मुख्य सचिव को कानून व्यवस्था के हालात और चुनाव बाद हुई हिंसा पर काबू पाने के लिए उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सोमवार सात जून को बुलाया है।
There is rampant post poll retributive violence @MamataOfficial
Disturbing that this ostracisation has graduated to social boycott & denial of benefits they are otherwise entitled. They are made to suffer “extortion fee” for living in their own house or run their own business.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) June 6, 2021
लोकतंत्र में वोट देना बना अपराध
राज्यपाल जगदीप ने तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्होंने टीएमसी को वोट नहीं दिया मेलो “लक्षित हिंसा” से पीड़ित हैं। राज्य अकल्पनीय स्तर पर चुनाव बाद अप्रत्याशित प्रतिशोधात्मक हिंसा की चपेट में है। लाखों लोग विस्थापित किये जा रहे हैं एवं करोड़ों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। लगातार तोड़फोड़ एवं अराजकता से बड़े पैमाने पर आगजनी, लूट और संपत्तियों को नुकसान हुआ है। राज्यपाल ने कहा, अराजक तत्वों के हाथों बलात्कार और हत्या की कई घटनाएं हुईं और ऐसे तत्वों को कानून का कोई भय नहीं है। तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं डालने वालों को समाज से बहिष्कृत करने वाली घटनाओं पर भी राज्यपाल ने जनता के प्रति। उनका कहना था कि उनसे अपने ही घरों में रहने एवं अपना काम-धंधा चलाने के लिए जबरन वसूली की जा रही है।
Extremely alarming law & order scenario @MamataOfficial. Security environment is seriously compromised.
In such a grim situation called upon Chief Secretary to brief me on the law and order situation on Monday 7th June and indicate all steps taken to contain post poll violence. pic.twitter.com/REf0JDTpcQ
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) June 6, 2021