एनसीपी और कांग्रेस नेता के बीच शुरू हुआ संघर्ष मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए सर दर्द बन गया है। प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने महविकास अघाड़ी गठबंधन छोड़ने की धमकी भी दी। गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में कांग्रेस के मंत्री इस मुद्दे को उठाने वाले है। मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में कांग्रेस के मंत्री नितिन राउत, वर्षा गायकवाड और विजय वडेट्टीवार की उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ बहस हो चुकी है।
इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा आक्रामक नितिन राउत लगे और कांग्रेस के रुख का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है। मंत्रिमंडल की मीटिंग से पहले ही सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए धमकी देना शुरू कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी की राय एकदम स्पष्ट है। मुख्यमंंत्री ठाकरे को इससे अवगत करा दिया गया है।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने यह भी कहा “राज्य भर के अधिकारी-कर्मचारी संघों, विभिन्न सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन चर्चा के बाद मीडिया से बात करते हुए पटोले ने यह टिप्पणी की।” 7 मई का फैसला असंवैधानिक है। शासन कोई कानून नहीं है। संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण को नियम से हटाकर कैसे रद्द किया जा सकता है? ऐसा ही प्रश्न प्रस्तुत करते हुए हम मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर, पदोन्नति में आरक्षण बनाये रखने के लिए सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, खानाबदोश, वंचित और अन्य पिछड़ा वर्ग को बढ़ावा देगी।