आपने उत्तर प्रदेश की राजनीति में मुलायम और अखिलेश के बीच नोक झोंक तो देखी होगी। ठीक उसी तरह आज कल, लालू के घर भी राजनीतिक घमासान हो रहा है। पार्टी में अपना वर्चस्व बनाने के लिए लालू की दोनो बेटियों ने जंग छेड़ दी है। बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी की कमान संभालते हुए तेजस्वी यादव ने भाजपा-जदयू को पछाड़ा था। और वही तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने तक का दावा करने लगे थे।
लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के जेल से रिहा होने के बाद घर में ही विरासत को लेके घमासान मचा हुआ है। लालू कि दोनों बेटियां पार्टी में अपना एक अलग वर्चस्व बनाना चाहती हैं, लेकिन बीते चुनाव में तेजस्वी की बड़ी बहन मीसा भारती ने अपने स्तर से कई लोगों को टिकट दिलवाया था। जिनमें ज्यादातर चुनाव हार गए थे। और इस हार के बाद घर में ही बहुत कुछ मीसा को सुनने को मिला था। लेकिन इन सब का जिम्मेदार गठबंधन सहयोगी पार्टी कांग्रेस के ऊपर ठोक दिया गया।
यही वजह थी कि मीसा का राजनीतिक दखल देना लगभग बंद कर दिया था, लेकिन एक बार फिर वो पार्टी में उभरना चाहती है। और इन सब के अलावा, एक बहन रोहिणी आचार्य जोकि अपने बड़बोल स्वाभाव की वजह से अक्सर विवादों में घिरी रहती है। वो भी अपने राजनीतिक सक्रियता को बढ़ाने के लिए पार्टी में दखल देना शुरू कर दिया है। ऐसे में लालू प्रसाद के ऊपर आगामी लोकसभा चुनाव को लेके एक बड़ी चुनौती आ पड़ी है। आखिर वो घर के मुद्दों से बाहर आके पार्टी को एक नई दिशा कैसे देंगे।