अपने बयानों से खुद के लिए ही विवाद खड़ा कर देने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बार तो उनसे जुड़ा ये विवाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है। कोरोना वायरस संक्रमण को सिंगापुर वेरिएंट बताने के बाद अरविंद केजरीवाल शायद ये भूल गए कि ये कोई राज्य से जुड़ा मामला नहीं है बल्कि उनका ये बयान अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक हलचल पैदा कर सकता है। जिसके बाद अब कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान की कड़ी निंदा करने के बाद सिंगापुर ने इस पूरे मामले पर एक्शन लेते हुए गलत जानकारी को फैलने से रोकने के लिए घरेलू कानून प्रोटेक्शन फ्रॉम ऑनलाइन फॉल्सहुड एंड मैनिपुलेशन कानून लागू कर दिया है।
यानी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गलती सुधारने के लिए सिंगापुर को ही अंत में कोई कदम उठाना पड़ा है। इस कानून के लागू होने के बाद अब सोशल मीडिया कंपनियों को सिंगापुर में सभी एंड-यूजर्स को एक करेक्शन नोटिस भेजना होगा। जिसके साथ तहत सिंगापुर के लोगों तक ये बात पहुंचानी होगी कि सिंगापुर में वही कोरोना वेरिएंट सक्रिय है जो भारत में है। साथ ही इस कानून के तहत सिंगापुर में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अरविंद केजरीवाल समेत मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के बयान हटा दिए जाएंगे। भले ही सिंगापुर ने इस कदम को उठा कर ये साबित कर दिया है कि वह इस विवाद को खत्म कर भारत से रिश्ते खराब नहीं करना चाहता लेकिन एक राज्य के जिम्मेदार मुख्यमंत्री होने के नाते अरविंद केजरीवाल को ये समझना होगा कि सदैव अपना उल्लू सीधा करने के नशे में चूर होकर दिए गए कुछ बयान एक देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी दिक्कतें पैदा कर सकते है।