केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा उठाए गए इन कदमों की वजह से, थमी कोरोना संक्रमण की रफ्तार

भारत की केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों की राज्य सरकारों की नीतियों के कारण कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होती दिखाई दे रही है। इन्हीं नीतियों के कारण कोरोना संक्रमण के मामले चार लाख से अब दो लाख तक पहुंच चुके हैं।

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कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने किस तरह लोगों के जीवन को प्रभावित किया है यह हम सभी जानते हैं। इस संक्रमण के दौरान न जाने कितने परिवारों ने अपने लोगों को खो दिया है, न जाने कितने बच्चे इसी संक्रमण के दौरान अनाथ हो गए हैं? क्योंकि इस संक्रमण की रफ्तार और इसका प्रभाव पहले वाले की अपेक्षा में बहुत ज्यादा था। लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की नीतियों के कारण अब संक्रमण की रफ्तार कम होती दिखाई दे रही है। जहां प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के मामले 4 लाख से ज्यादा दिखाई देते थे वहीं अब यह मामले दो लाख तक पहुंच रहे हैं। इसका अर्थ साफ है कि संक्रमण पर सरकारें धीरे-धीरे काबू पा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी की जागरूकता

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को एक साथ लॉक कर दिया था। जिसके बाद धीरे-धीरे लॉकडाउन को बढ़ाया गया पर संक्रमण धीरे-धीरे समाप्त होता चला गया। वहीं दूसरी लहर आने से पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों को उनके अधिकार दे दिए कि अब आप अपने राज्यों में किस तरह संक्रमण पर काबू पाना है इसका नियामन कीजिए। महाराष्‍ट्र में इस तरह की चीजें देखने को मिली जहां पर जिला स्‍तरीय लॉकडाउन लगाया गया। इसके अलावा इसी तरह से कर्नाटक, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश समेत कुछ अन्‍य राज्‍यों में भी इसको अपनाया गया।

केंद्र सरकार के द्वारा लगातार उन मुख्यमंत्रियों से बात की गई जिनके प्रदेश सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जिलाधिकारियों से भी मीटिंग की और कहा यदि आपके जिले में संक्रमण को हरा दिया तो देश बहुत जल्दी संक्रमण से जीत जाएगा।केंद्र सरकार के द्वारा प्रदेशों को समय-समय पर प्रमुख निर्देश भी दिए गए।

केंद्र सरकार की नीतियां

सरकार ने नेशनल टेक्‍नीकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्‍यूनाइजेशन की उस सलाह को भी माना जिसमें उन्‍होंने कोविशील्‍ड की दो खुराकों के बीच 3-4 माह का अंतर करने की बात कही गई थी। दूसरी लहर में उत्पन्न हुई ऑक्सीजन की किल्लत को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार के द्वारा कदम उठाए गए और रेलवे ने उस संकटकाल में प्रत्येक प्रदेश तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम किया। विदेशों के द्वारा इस संकट में भेजी गई चिकित्सा सामग्री को जल्द से जल्द अस्पतालों तक पहुंचाने का काम केंद्र सरकार के द्वारा किया गया।

वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाना

कोरोनावायरस की रफ्तार को रोकने के लिए वैक्सीनेशन का प्रोग्राम तेजी के साथ प्रदेश में चलाया गया। अगर हाल ही की बात करें तो 18 मई 2021 की सुबह 7:00 बजे तक वैक्सीनेशन के निम्न आंकड़े सामने आए थे!

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