पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की जीत के बाद उनकी पार्टी के कार्यकर्ता निरंकुश हो गए और भाजपा के कार्यकर्ताओं को नुकसान पहुंचाने का काम करने लगे। कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इन कार्यकर्ताओं ने चार हजार से ज्यादा दुकानों में लूटपाट की है, बहुत सारे मकानों को नुकसान पहुंचाया है, भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में तोड़फोड़ और चोरी की है वहीं महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया है। एक महिला होने के नाते ममता बनर्जी का यह कर्तव्य था कि चाहे किसी ने उन्हें वोट दिया है या न दिया महिलाओं का सम्मान एक मुख्यमंत्री के लिए सबसे ऊपर होना चाहिए था लेकिन मुख्यमंत्री अपना कर्तव्य निभाने असफल साबित हुई। इस सब के बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने टीएमसी के कार्यकर्ताओं को चेतावनी दे दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाना बनाते हुए पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद ने ट्वीट किया, ‘‘टीएमसी के गुंडों ने चुनाव जीतते ही हमारे कार्यकर्ताओं को जान से मारा, भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ियाँ तोड़ीं, घर में आग लगा रहें हैं। याद रखना टीएमसी के सांसद , मुख्यमंत्री , विधायकों को दिल्ली में भी आना होगा, इसको चेतावनी समझ लेना। चुनाव में हार जीत होती है, मर्डर नहीं।’’
जीत के बाद पश्चिम बंगाल में जिस तरह से भाजपा के कार्यकर्ताओं और भाजपा के ऑफिसों पर हमला हुआ वह यह बताएं के लिए काफी है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की स्थिति शून्य हो चुकी है। वास्तविकता में चुनाव तो समाप्त हो गया है लेकिन भाजपा का समर्थन करने वाले लोगों की जिंदगी पश्चिम बंगाल में कब समाप्त हो जाएगी इसका कोई भरोसा नहीं है?
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रदेश के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और कोलकाता के पुलिस आयुक्त को तलब कर उन्हें शांति बहाल करने के निर्देश दिये हैं । उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सत्ता में वापसी के एक दिन बाद हुई इन घटनाओं के बाद की स्थिति पर अफसरों से चर्चा की। धनखड़ ने गृह सचिव एक के द्विवेदी से मुलाकात के बाद ट्वीट किया, “राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर मैंने एसीएस गृह को तलब किया था और उन्हें चुनाव बाद हुई राज्य में हुई हिंसा व तोड़फोड़ तथा उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट देने को कहा गया है।”