बिहार : तेजस्वी, तेजप्रताप समेत 21 लोगों के खिलाफ धारा 307 दर्ज हुआ मुकदमा

सरकारी कार्य में बाधा डालने, तोड़फोड़, मारपीट करने व जानलेवा हमला करने के मामले में डाकबंगला पर तैनात दानापुर की दंडाधिकारी प्रतिमा गुप्ता के बयान पर कोतवाली में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनमें हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं भी शामिल हैं। इस FIR में तेजस्वी समेत 22 नामजद व अन्य आरोपी भी शामिल हैं।

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चित्र साभार: ट्विटर @yadavtejashwi

बेरोजगारी,भ्रष्टाचार और महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने वाले और सरकारी कार्य में बाधा डालकर तोड़फोड़ व मारपीट करने वाले मामले में अब बिहार पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। जानलेवा हमला करने के मामले में डाकबंगला पर तैनात दानापुर की दंडाधिकारी प्रतिमा के बयान पर विपक्ष के नेता तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा काफी सारे लोगों पर धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।

जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है उनमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह, श्याम रजक, निराला यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, निर्भय आंबेडकर, आजाद गांधी, महताब आलम, प्रेम गुप्ता, भाई अरुण, रीतलाल यादव, राजेंद्र यादव, रमई राम, शक्ति यादव, अर्चना यादव, ऋतु , चेतन आनंद डॉ. गौतम कृष्ण, क्रांति सिंह, कारी सुहैब तथा 800 अज्ञात शामिल हैं।

दंडाधिकारी की ओर से आईपीसी की धारा 144, 149, 341, 342, 323, 188, 307, 333, 337, 338, 427, 353 व 304 के अलावा 51/57 डिजास्टर मैनेमेंट 2005 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। जानकारों के मुताबिक इनमें 307 हत्या के प्रयास का गंभीर मामला है और गैर जमानतीय है। इसका अर्थ है कि इस मामले में लोगों को जमानत भी नहीं मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ गांधी मैदान थाने में भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव व तेजप्रताप के अलावा अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। यह मामला पुनपुन के प्रखंड कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार के बयान के आधार पर दर्ज किया गया है। एफआईआर में आईपीसी की धारा 147/149/188/353/341 इपिडेमिक डिजीज एक्ट शामिल है।

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