मेरठ | नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया है कि मेरठ में 20 दिसंबर 2019 को ‘नागरिकता संशोधन कानून’ के खिलाफ भड़की हिंसा के दौरान दंगाइयों ने पुलिसवालों को एक घर में बंद करके जिंदा जलाने की कोशिश की थी। इस दावे के साथ ही पुलिस ने मेरठ में हुए उपद्रव का वीडियो भी जारी किया है।
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में मेरठ शहर 20 दिसम्बर को हिंसा की चपेट में आ गया था। उपद्रवियों की इस हिंसा और आगज़नी में 5 लोगों की मौत भी हो गयी थी। पुलिस की जांच में कई खुलासे भी हुए जिसके बाद मेरठ में हिंसा की साजिश रचने वाले लोगों का नाम भी सामने आ गया है। प्रतिबंधित संगठन पिप्ल्स फ़्रंट ऑफ इंडिया और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं की कारगुजारियां सामने आई हैं और उनकी गिरफ़्तारी भी शुरू हो गयी है। पुलिस की मानें तो इन्हीं संगठनों के पदाधिकारियों ने लोगों को उकसाने का काम किया और भड़काऊ सामग्री बांटी जिससे लोग आक्रोशित हो गए और सड़कों पर उतर कर हिंसक प्रदर्शन को अंजाम दिया।
अविश्वनीय..ख़तरनाक
तथाकथित प्रदर्शनकारियों ने मेरठ में 30 सुरक्षाकर्मियों को ज़िंदा जलाने की कोशिश की..2 को गोलियाँ भी लगी हैं।
मैडम प्रियंका वाडरा के नेतृत्व में कांग्रेस इन्हीं राष्ट्रविरोधी लोगों का केस लड़ने के लिये चंदा इकट्ठा कर रही है।@priyankagandhi देश देख रहा है सब👇 pic.twitter.com/O8lmuTha9n— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) January 2, 2020
उत्तर प्रदेश में होने वाले हिंसक प्रदर्शन के लिए पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठन को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है। इस मामलें में मेरठ पुलिस एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत अब तक चार लोगों को जेल भेज चुकी है। जिसके बाद एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन करके इन संगठनों के और गुर्गों को भी खंगाला जा रहा है। अभी इस मामलें में और भी गिरफ़्तारियाँ हो सकती हैं।