सरकार के खिलाफ नारे लगाने वाले बिट्टू को लोकसभा का नेता बनाएगी कांग्रेस, जानिए क्या है इसका कारण

कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा के नेता के तौर पर अब रवनीत सिंह बिट्टू का नाम आगे कर दिया है। लोकसभा के नेता अधीर रंजन चौधरी इस समय पश्चिम बंगाल चुनाव में व्यस्त हैं इसीलिए रविनीत सिंह बिट्टू को लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करना होगा।

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कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता और लोकसभा में कांग्रेस का पक्ष रखने वाले अधीर रंजन चौधरी इस समय पश्चिम बंगाल के चुनावों में व्यस्त हैं इसीलिए अब पार्टी को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान एक नया चेहरा सामने लाना होगा बताया जा रहा है कांग्रेस पार्टी अब अपने नेता के रूप में रविनीत बिट्टू को सामने ला रही है। कांग्रेस पार्टी के नेता रविनीत सिंह सबसे पहले कृषि आंदोलन को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के कारण सुर्खियों में आए थे। रविनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। बिट्टू ‘काले कानून वापस लो’ का नारा लगाते हुए केंद्रीय कक्ष से बाहर चले गए थे। बिट्टू ने उस दौरान सवाल किया था कि किसान नेताओं के खिलाफ मामले क्यों दर्ज किए जा रहे हैं? हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसे संसद में उठाएंगे। उनका जुर्म क्या है? किसान नेता अपने लिए नहीं, बल्कि किसानों के लिए लड़ रहे हैं।

रविनीत सिंह बिट्टू वही नेता हैं जिन्होंने योगेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए थे।रवनीत सिंह बिट्टू पंजाब के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत सरदार बेअंत सिंह के पोते हैं और वर्तमान में लुधियाना से कांग्रेस के सांसद हैं।2007 के बाद नए लोगों को पार्टी में जगह देने के वक्त बिट्टू को पंजाब यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बिट्टू ने लुधियाना सीट से जीत हासिल की है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बिट्टू ने एक बार कहा था,”पंजाब के 75 प्रतिशत किसान छोटे किसान (2-3 एकड़ की जमीन के मालिक) हैं और इन अध्यादेशों के लागू होने से कॉन्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग (यानी ठेके पर खेती) को बढ़ावा मिलेगा, जबकि मंडियों के माध्यम से पंजाब को मिलने वाला तकरीबन 3600 करोड़ रुपए के टैक्स का नुकसान होगा… अधिक फसल उत्पादन की स्थिति में किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलेगा। “

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