उन्नाव कांड पर विपक्ष हुआ बेनक़ाब, योगी सरकार को बदनाम करने के लिए हर स्तर पर जा रहे हैं विपक्षी

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उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा पूरे देश की राजनीति से अलग चलती है। बिहार की भांति उत्तर प्रदेश में भी चुनावों को जाति के नाम पर जीतने का चलन चला हुआ है। इसीलिए जब कोई भी अपराध होता है तो प्रदेश की पार्टी है उसे जानती से जोड़कर प्रसारित करने लगती हैं। हाथरस कांड के दौरान भी ऐसे ही किया गया था। विकास दुबे की एनकाउंटर को भी जाति से जोड़कर प्रदेश में प्रसारित करने में कोई भी पार्टी पीछे नहीं रही थी।

क्या थी पूरी घटना?

उन्नाव में बुधवार को असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा नाले के पास सूर्यपाल के सरसों के खेत में बेहोशी की हालत में तीन किशोरियां मिली थीं। अस्पताल पहुंचाने पर दो किशोरियों की मौत हो गई थी। एक किशोरी का अब भी इलाज चल रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर बताया गया था। इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश की सभी पार्टी उन्हें एक घटना बताई थी कि जिसमें भारत के लोकतंत्र पर सर्वाधिक समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी भी शामिल है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव समेत तमाम नेताओं ने घटना को लेकर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने गांव में पहुंचकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़े करने की कोशिश भी की थी।

पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

पुलिस के मुताबिक आरोपी विनय ने बताया कि मुख्य आरोपी जिस लड़की से प्रेम करता था वो अस्पताल में भर्ती है। उसने घटना वाले दिन अन्य दोनों लड़कियों से नमकीन भी मंगवाए थे।आरोपी ने एक ही लड़की को कीटनाशक मिला हुआ पानी पीने को दिया थी,लेकिन उसकी बोतल से बाकी दोनों लड़कियों ने भी पानी पी लिया था,थोड़ी देर के बाद सभी लड़कियों के मुंह से झाग निकलने लगा, यह देखकर दोनों आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए। पुलिस ने बताया कि फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल से कीटनाशक की बोतल, खाली पानी की बोटल, नमकीन के खाली पैकेट्स और सिगरेट बट मिले थे।शुक्रवार देर शाम आईजी लक्ष्मी सिंह ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि दोनों आरोपियों ने गुनाह स्वीकार किया है। दोनों आरोपी भी अनुसूचित जाति के हैं। अब सभी पार्टियों के मुँह भी बंद हो चुके हैं क्यों कि यहाँ पर अपराधियों की जाति तय करने का अधिकार विपक्षी पार्टियों को नहीं मिल पाया।

राजनैतिक नींद से जागे तथाकथित राजनेता

उत्तर प्रदेश में लम्बे समय तक राज करने वाली पूर्वमुख्यमंत्री मायावती को भी इस मामले में राजनीति करना आवश्यक लगा। इसीलिए उन्होंने राजनितिक ट्वीट करते हुए लिखा, “यूपी के उन्नाव ज़िले में तीन दलित बहनों में से दो की खेत में कल हुई रहस्मय मौत व एक की हालत नाजुक होने की घटना अति-गंभीर व अति-दुःखद। पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना। सरकार से घटना की उच्च-स्तरीय जाँच कराने व दोषियों को सख्त सजा दिलाने की बीएसपी की माँग।”

इस मामले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा था, “उन्नाव की 3 दलित बहनों के लिए न्याय की माँग करने व सांत्वना देने के लिए सपा का प्रतिनिधिमंडल उनके परिजनों से मिला। पहले ‘हाथरस की एक बेटी’, फिर ‘बदायूँ की एक माँ’ और अब ‘उन्नाव की बहनें’ भाजपा राज में कोई भी नारी सुरक्षित नहीं।बहुत हुआ नारी पर अत्याचार, अबकी बार भाजपा बाहर।” हालांकि यह बात भी जगजाहिर है कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में थी तब लगातार बलात्कार और खुलेआम हत्याओं का सिलसिला जारी था। अपराधियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही उत्तर प्रदेश पुलिस नहीं कर पाती थी क्योंकि अपराधियों को सरकार का संरक्षण प्राप्त था।

सत्यमेव जयते

लगातार विपक्षी पार्टियों के द्वारा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को लेकर भ्रामक प्रचार किया जाता रहा है। तभी विकास दुबे, कभी आजम खान तो कभी मुख्तार अंसारी जैसे लोगों को बेकसूर बताकर क़ानून व्यवस्था का मज़ाक बनाने वाले विपक्षी दलों के कद्दावर नेता बलात्कार और हत्या जैसी निर्मम घटनाओं पर गन्दी राजनीति करते हैं। और सोचते है कि इससे वे सत्ता में वापस आ जायेंगे।

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