बंगाल में ममता बनर्जी पड़ रही हैं अकेली, कई नेता हो चुके हैं बीजेपी में शामिल

बंगाल में जय श्री राम के नारे से एलर्जी रखने वाली ममता बनर्जी के लिए अब मुश्किल का दौर शुरू हो चुका है। निश्चित रूप से एक के बाद एक नेताओं के दामन छोड़कर जाने के बाद ममता के लिए चुनाव जीतना नामुमकिन सा हो चुका है।

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जैसे-जैसे बंगाल में चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे वहाँ पर ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कंग्रेस की पार्टी चुनाव से पहले ही काफी कमजोर दिख रही है। तृणमूल कांग्रेस के कई नेता पार्टी का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल होते दिख रहे हैं।

अमित शाह ने कहा, अकेली पड़ गई हैं ममता बनर्जी

केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने पिछले रविवार यानी कि 31 जनवरी को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया।अमित शाह ने तो इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में साफ तौर पर कह दिया कि चुनाव आने तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में अकेली पड़ जाएंगी। वैसे अमित शाह का ये कथन सिर्फ चुनावी विरोध का स्वर नहीं है। बल्कि वास्तव में बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की और ममता बनर्जी की जो स्थिति है उसे देखकर अमित शाह की बात सही ही लग रही है।

अभी हाल ही में तृणमूल के पांच नेताओं को बीजेपी में शामिल किया गया है। बीजेपी का दामन थामने वाले नेताओं में बंगाल के वन मंत्री रहे राजीव बनर्जी शामिल हैं। बाली से टीएमसी विधायक बैशाली डालमिया, उत्तरपाड़ा के एमएलए प्रबीर घोषाल, हावड़ा के मेयर रतिन चक्रबर्ती और पूर्व विधायक और रानाघाट से पांच बार नगर निकाय प्रमुख रहे पार्थ सारथी चटर्जी ने भी बीजेपी का दामन थामा है। ममता बनर्जी के करीबी रहे और उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुवेंदु अधिकारी के बीजेपी में जाना तृणमूल कांग्रेस को लगा सबसे बड़ा झटका है।

इस बार बीजेपी के आगे कमजोर दिख रही तृणमूल कांग्रेस, 11 नेता छोड़ चुके हैं ममता का साथ

एक के बाद एक विश्वसनीय नेताओ का तृणमूल का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल होना, निश्चित तौर पर ममता बनर्जी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। वैसे भी बंगाल के हिन्दू ममता बनर्जी की हिन्दू विरोधी नीतियों से काफी क्षुब्ध नजर आ रहे हैं। ऐसे में इस बार बंगाल चुनाव में अगर ममता बनर्जी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़े तो इसमें कोई ताज्जुब नहीं है। क्योंकि अभी बंगाल में चल रही हवा साफ तौर पर ममता बनर्जी की कुर्सी जाने का संकेत दे रही है।

एक के बाद एक नेताओ के तृणमूल छोड़कर बीजेपी का दामन थामने के बाद ही बीजेपी नेता अमित शाह ने बंगाल में ममता के अकेले पड़ जाने का बयान दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि, “ममता को सोचना चाहिए कि क्यों इतने सारे नेता तृणमूल छोड़कर बीजेपी में जा रहे हैं? क्योंकि वह राज्य में जनता की इच्छाओं को पूरा करने में असफल रही हैं।ममता के कुशासन, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के कारण ऐसा हो रहा है। लेकिन यह शुरुआत है, चुनाव की घड़ी नजदीक आने तक वह अलग-थलग पड़ जाएंगी।”

आपको बता दें कि अब तक तृणमूल कांग्रेस के कुल 11 नेता बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। इसमें से कई तो तृणमूल पार्टी से मंत्री और वरिष्ठ नेता भी थे। ममता बनर्जी के कुछ बेहद करीबी और विश्वसनीय नेताओं ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। तृणमूल की तरफ़ से कैबिनेट मंत्री रहे सुवेन्द्रू अधिकरी का तृणमूल छोड़ना ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका है। बंगाल में जय श्री राम के नारे से एलर्जी रखने वाली ममता बनर्जी के लिए अब मुश्किल का दौर शुरू हो चुका है। निश्चित रूप से एक के बाद एक नेताओं के दामन छोड़कर जाने के बाद ममता के लिए चुनाव जीतना नामुमकिन सा हो चुका है।

बीजेपी रच सकती है इतिहास

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी आज तक कभी बंगाल में सरकार नहीं बना सकी है। लेकिन इस बार बंगाल में चुनाव का माहौल कुछ और है। वहाँ की हवा बदलती नजर आ रही है। और इस बार चुनाव की हवा बीजेपी की दिशा में बहती दिख रही है। भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल चुनाव में अपनी रणनीति भी स्पष्ट कर रखी है। बीजेपी वहाँ पर ज्यादा से ज्यादा टीएमसी के नेताओं को अपने पाले में लाना चाहती है। इसमें बीजेपी काफी हद यक सफल होती भी दिख रही है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से 18 सीटें जीतकर ममता को काफी बड़ा झटका दिया था। लेकिन अब इस चुनाव में बंगाल की हवा चीख कर कह रही है कि ‘इस बार बंगाल में भी मोदी सरकार’।

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