पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सियासी कद लगातार कम होता जा रहा है। उनके नेतृत्व में उनकी पार्टी के विधायक काम करने को तैयार नहीं है और लगातार त्यागपत्रों का सिलसिला तृणमूल कांग्रेस में चल रहा है। गृह मंत्री अमित शाह की चाणक्य नीति के चलते तृणमूल कांग्रेस का कुनबा टूटता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी श्रृंखला में आज तृणमूल कांग्रेस के विधायक दीपक हलदर ने भी भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। आज ही उन्होंने इस्तीफा दिया था और कुछ समय पश्चात ही मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन कर लिया।
तृणमूल कांग्रेस में टूट फूट तब शुरू हुई जब भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारत के गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ एक सांसद और 10 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। पश्चिम बंगाल में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को समाप्त हो रहा है इसीलिए राज्य में विधानसभा चुनाव अप्रैल और मई के मध्य में कराए जा सकते।
पश्चिम बंगाल सरकार में खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने भी कुछ समय पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन नहीं किया। जब से भारतीय जनता पार्टी को 2019 में पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनावों में 18 लोकसभा सीटें मिली हैं तब से लेकर आज तक लगातार भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं इन हमलों में लगभग 100 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता अपनी जान गवा चुके हैं।