पश्चिम बंगाल में जिस तरह से विधानसभा चुनाव निकट आ रहे हैं धीरे-धीरे ममता बनर्जी की मुसीबतों में इजाफा हो रहा है। कभी पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का एकछत्र राज हुआ करता था लेकिन आज वही पार्टी धीरे-धीरे कमजोर होती जा रही है। तृणमूल कांग्रेस के कई कद्दावर नेता पार्टी छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं। जिसमें प्रमुख रुप से शुभेंदु अधिकारी का नाम शामिल होता है कि ने ममता बनर्जी का दायां हाथ कहा जाता था। वर्तमान में ममता बनर्जी ने शुभेंदु अधिकारी के गढ़ अर्थात नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ शुभेंदु अधिकारी ने भी यह कह दिया है कि यदि मैंने ममता बनर्जी को चुनाव में नहीं हराया तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
राजीव बनर्जी ने अपना इस्तीफा पहले ममता बनर्जी के ऑफिस में जमा कराया और उसके बाद यही इस्तीफा राज्यपाल को भेजा। कुछ सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि इस्तीफा स्वीकार होने के पश्चात मुख्यमंत्री ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह बताया जाता है कि ठीक डेढ़ साल पहले जब राजीव को सिंचाई मंत्री के पद से हटाया था तब भी वे पार्टी छोड़ने को तैयार थे लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें ऐसा करने से रोक लिया था। 19 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस के 6 विधायक और एक सांसद भारत के गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।