कल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष में कोलकाता में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब भाषण देने आएंगे तब उत्साही लोगों ने जय श्री राम का नारा लगा दिया। जय श्री राम का नारा लगते ही ममता बनर्जी भड़क उठे और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इशारों ही इशारों में कुछ बातें सुना दी। जो वास्तव में संवैधानिक पद की गरिमा के विपरीत था। इसी बीच हुई है बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश विधानसभा के सामायिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रामायण भेजी है।
रामेश्वर शर्मा ने इस मामले में कहा,” सालों बाद अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बनने जा रहे है। इससे ममता बनर्जी नाराज हैं। उन्हें राम नाम के उद्घोष से नफरत है। ममता दीदी आपसे प्रार्थना है कि जय श्रीराम बोलना सीखो। भगवान राम का विरोध करना बंद करो। बंगाल की भूमि पर शनिवार को एक कार्यक्रम में आपने भगवान राम का अपमान किया है। बंगाल के लोग आपको विधानसभा चुनाव में सबक सिखाएंगे। भगवान राम का नाम जपो। मैं आपको रामायण की एक पुस्तक भेज रहा हूं। रामायण को पढ़िए। उम्मीद करता हूं कि आपको सद्बुद्धि आएगी। जैसे पूरी दुनिया में प्रभु श्रीराम के भक्त हैं, आप भी रामायण पढ़कर उनकी भक्त हो जाएंगी और जय श्रीराम का उद्घोष करने लगेंगी।”