नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस पर भी पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही। पश्चिम बंगाल का खून इतिहास काफी लंबा है लेकिन नेता जी के जन्मदिवस पर भी ऐसी पश्चिम बंगाल के लोकतंत्र को कमजोर करती हुई दिखाई दे रही है। कूचबिहार में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों पर बीजेपी के मंच को तोड़ने और नेताजी की जयंती के मौके पर आग लगाने का आरोप लगाया गया है। बीजेपी के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु कार्यक्रम का उद्घाटन करने वाले हैं। ये घटना कूचबिहार के दिनहाटा के सिताई इलाके में हुई है,हालांकि तृणमूल ने आरोपों से इनकार किया है।
West Bengal: Bharatiya Janata Party workers attacked allegedly by TMC workers in Howrah
BJP local leader says, "Our workers were attacked today. If TMC wants this kind of politics, then, an answer will be given to them in the same language". pic.twitter.com/rFPblRlIoi
— ANI (@ANI) January 23, 2021
पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव संपन्न होना बहुत कठिन काम है और यह तभी संभव होगा जब केंद्रीय सुरक्षा बलों को चुनाव के समय में जमीन पर उतारा जाएगा। क्योंकि पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार का वर्ताव पश्चिम बंगाल की पुलिस के द्वारा किया जा रहा है इससे सिद्ध होता है कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की हत्या हो चुकी है। भारतीय जनता पार्टी के सांसदों के खिलाफ फर्जी मुकदमे किए जाते हैं। भाजपा के कार्यकर्ताओं की निरंतर हत्या की जाती है और उसके बाद भी ना तो कोई जांच होती है ना कोई अपराधी साबित होता है। पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था का आलम यह है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के काफिले पर पत्थर फेंके जाते हैं और वहां की पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रहती है।