कृषि कानूनों पर लगातार सरकार को घेरा जा रहा है। इसी बीच खबर आ रही है कि हरियाणा के इंडियन नेशनल लोक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को अपना इस्तीफा भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा है कि यदि 26 जनवरी तक केंद्र सरकार अपने तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया जाए।
अभय सिंह चौटाला ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा है, “वे प्रदेश भर में कृषि कानून और भाजपा की नीतियों के खिलाफ गांव-गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाएंगे। कानूनों को बनाने से पहले केंद्र सरकार ने किसान संगठनों से राय लेना भी जरूरी नहीं समझा।” अभय सिंह चौटाला का कहना है, “सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए जीएसटी में संशोधन कर सकती है। लेकिन किसानों के द्वारा मांग करने पर भी कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जा सकता। सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है और मैं इसके खिलाफ हूं…अगर सरकार किसानों की बात नहीं मानती तो मैं पद छोड़कर किसानों के साथ धरने पर बैठ जाऊंगा।”
अभय सिंह चौटाला ने कहा है, ” सरकार ने जिस तरह की परिस्थितियां बनाई है,उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता कि विधानसभा के जिम्मेदार सदस्य के रूप में मैं कोई ऐसी भूमिका निभा सकता हूं… जिससे किसानों के हित की रक्षा की जा सके,इस संवेदनहीन विधानसभा में मेरी मौजूदगी कोई महत्व नहीं रखती। इन सभी हालातों को देखते हुए यदि भारत सरकार इन तीनों काले कानूनों को 26 जनवरी तक वापस नहीं लेगी तो इस पत्र को विधानसभा से मेरा त्यागपत्र समझा जाए।”