किसानों के मसलों का विवाद अब गुरुद्वारों तक पहुंच चुका है। पंजाब में सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने प्रकाश पर्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं बुलाया है। इस मामले पर कांग्रेस पार्टी ने विरोध किया है और आम आदमी पार्टी तथा भाजपा के पुराने साथी दल शिरोमणि अकाली दल ने इसका समर्थन किया है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि संस्था ने यह फैसला अकाली दल के दवाब के कारण किया है क्योंकि इस संस्था में बादल परिवार के सदस्यों का दबदबा है और यह निर्णय राजनीतिक दबाव के कारण लिया गया है।
कांग्रेस पार्टी के नेता तथा पंजाब के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है,”शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को प्रधानमंत्री मोदी को प्रकाश पर्व के लिए बुलाना चाहिए था।उन्हें सिख गुरुओं द्वारा किसानी पर दिए गए प्रवचनों को सुनाना चाहिए था,ताकि उन्हें किसानों के दर्द का एहसास हो सके।”
वहीं इस मामले पर अकाली दल का कहना है,”गुरुद्वारा कमेटी एक संवैधानिक संस्था है,जिसके बाकायदा चुनाव होते हैं।ऐसे में वो किसे बुलाना चाहते हैं,तमाम हालातों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। वर्तमान के हालातों को देखते हुए यह फैसला लिया गया होगा इसमें कोई भी राजनीतिक हाथ नहीं है।” पंजाब के पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी इसे राजनीतिक मामला ना बनाएं।