बृहस्पतिवार को अमेरिका के इतिहास में एक ऐसा दिन आया जिसे अमेरिकी लोकतंत्र के लिए काला दिन भी कहा जा सकता है। अमेरिका की मीडिया ने डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों द्वारा किए गए हमले को गलत बताया और कहा है कि इन सब के लिए डोनाल्ड ट्रंप जिम्मेदार हैं। इसीलिए महाभियोग की प्रक्रिया अपनाते हुए उन्हें कार्यालय से बाहर कर देना चाहिए। उनके समर्थकों के द्वारा किए गए हंगामे से जो बाइडेन को राष्ट्रपति बनाने में काफी बाधा उत्पन्न हुई। ट्रंप के हजारों समर्थक बुधवार को कैपिटल में घुस आए और इस दौरान पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प हुई। इस घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई ।
द न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादकीय में लिखा गया है कि अमेरिकी कैपिटल पर किए गए इस हमले के लिए अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दोषी ठहराया जाए। राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रयासों का समर्थन करने वाले रिपब्लिकन पार्टी के लोगों को भी इसका दोषी ठहराया जाना चाहिए। ट्रंप के द्वारा दिए गए उकसावे वाले भाषणों के कारण ही उनके समर्थक अमेरिकी कैपिटल में घुस आए।इनमें से कुछ सदन और सीनेट में भी घुस आए, जहां देश के निर्वाचित प्रतिनिधि इलेक्टोरल वोटों की गिनती और नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने के संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे।
द वाशिंगटन पोस्ट के संपादकीय में लिखा गया है। डोनाल्ड ट्रंप के कारण अमेरिकी कैपिटल में हमला हुआ, उन्हें जरूर हटा देना चाहिए। चुनावी हार को स्वीकार न करने और अपने समर्थकों को उकसाने के कारण उनके समर्थक अमेरिकी कैपिटल में घुस आए।राजद्रोह के इस कृत्य की जिम्मेदारी राष्ट्रपति पर है क्योंकि उन्होंने दिखाया है कि कार्यालय में उनका बने रहना, अमेरिकी लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा है। ट्रंप अगले 14 दिन तक कार्यालय में बने रहने के ‘योग्य’ नहीं हैं।