भारत के सभी केंद्रीय मंत्री लगातार किसानों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं और किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए कृषि बिल के फायदे बता रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा है, “कोई माई का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता। न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म करने का इरादा ना तो पहले था और ना ही अब है।देश में चल रही मंडी व्यवस्था यथावत चलती रहेगी।” हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार के सत्ता में 3 साल पूरा होने पर रविवार को आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “झूठ फैला कर कांग्रेस किसानों को बहका रही है जबकि सुधारों के परिणाम आने में कुछ समय लगता है।”
उन्होंने यह भी कहा है कि ऐसे लोग आंदोलन कर रहे हैं जिन्हें कृषि का ज्ञान भी नहीं है। इनके पीछे उन राजनीतिक दलों का भी हाथ है जिनकी देश में सियासत खत्म हो चुकी है। किसी न किसी तरह से झूठ फैला कर किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। उन्होंने याद दिलाया कि जब केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार और राज्य में भी कांग्रेस सरकार थी तो राज्य को 22 हजार करोड़ रुपए मिलते थे। एनडीए की सरकार में केंद्र से राज्य सरकार को 3 गुना अधिक यानी 66 हजार करोड़ मिलते हैं। भारतीय जनता पार्टी के लिए सत्ता आम आदमी के जीवन में सार्थक परिवर्तन लाने का माध्यम है। छोटा राज्य होने के कारण हिमाचल में सड़क सुविधा और दूरसंचार कनेक्टिविटी सबसे बड़ा सवाल था।