बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सूझबूझ और भारतीय जनता पार्टी की राजनीति के कारण भारतीय जनता पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, विकासशील इंसान पार्टी और जनता दल यूनाइटेड की सरकार बिहार में दोबारा बनी। लगातार यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पश्चिम बंगाल की राजनीति में भी बिहार के यह सभी क्षेत्रीय दल अपनी किस्मत आजमाना चाहेंगे। जनता दल यूनाइटेड तथा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी के प्रत्याशी पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेंगे। वहीं अभी तक लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने यह निर्णय नहीं लिया है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव लड़ेगी या नहीं।
हम आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के अच्छे संबंध हैं। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में वाम दल और कांग्रेस पार्टी भी अपना अपना अस्तित्व रखती है। ऐसे में तेजस्वी यादव ममता बनर्जी के साथ जाएंगे या कांग्रेस तथा वाम दलों के साथ जाएंगे यह निर्णय लेना काफी कठिन माना जा रहा है। आरजेडी पश्चिम बंगाल का चुनाव लड़ेगी या नहीं इस सवाल पर तेजस्वी यादव का कहना है कि इस मामले पर फैसला आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ही करेंगे। पश्चिम बंगाल में 296 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से 2 सीटों पर मनोनीत विधायक बैठते हैं ऐसे में 294 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। अब देखना यह होगा क्या भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बना पाएगी? या फिर क्षेत्रीय दलों की मनमानी के चलते भाजपा को पश्चिम बंगाल की गद्दी से हाथ धोना पड़ेगा।