भारत के बहुत सारे लोग जानते हैं कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह अचानक ही भारत के प्रधानमंत्री बने थे। उन्हें भारत के प्रधानमंत्री के रूप में बहुत सारे कांग्रेस के नेता भी पसंद नहीं करते थे। लेकिन अब हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पुस्तक “ए प्रॉमिस्ड लैंड भारत की राजनीति में तहलका मचा दिया है। बराक ओबामा अपनी इस पुस्तक में लिखते हैं कि प्रधानमंत्री पद पर मनमोहन सिंह के पहुंचने को कई बार जातीय विभाजन पर भारत की जीत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। लेकिन यह बात ठीक नहीं है। मनमोहन के प्रधानमंत्री बनने के पीछे असल कहानी सभी को पता है। वह पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं थे। ओबामा ने कहा है,”यह पद उन्हें तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने दिया था… कई राजनीतिक समीक्षकों का तो यह भी मानना है कि उन्होंने बुजुर्ग सिख को इसलिए चुना था क्योंकि उनका कोई राजनीतिक आधार नहीं था और वह उनके 43 वर्षीय बेटे राहुल के लिए किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं थे ।”
इसके अलावा उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा पार्टी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों नेता शामिल थे।यह पार्टी 2010 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर आयोजित हुई थी। ओबामा लिखते हैं, ” सोनिया गांधी बोलने से ज्यादा सुनने पर गौर कर रही थी… इसके अलावा बातचीत में वह चर्चा को अपने बेटे की तरफ मोड़ देती थी…” किताब में बराक ओबामा ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात और अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया। ओबामा ने लिखा, “भारत की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन के मुख्य शिल्पकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे और वह इस प्रगति गाथा के ही सही प्रतीक हैं।”