चुनाव से पहले ममता बनर्जी की बड़ी मुश्किलें, पार्टी में उठने लगे बगावत के स्वर

पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव निकट आ चुका है उससे पहले ही तृणमूल की ममता बनर्जी के सहयोगियों ने पार्टी से बगावत करने की रणनीति बना ली है। सरकार में परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी बुधवार को ममता की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे। अधिकारी कई महीनों से पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं।

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आने वाले कुछ समय में ही पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होना है। जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोक चुकी है। बिहार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में अपनी सरकार बनाने को ही अपना प्रथम और अंतिम लक्ष्य बना लिया है। वही यह बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने से पहले ही तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच विवाद बढ़ने लगे हैं। ममता बनर्जी ने बुधवार को एक मीटिंग बुलाई थी। जिसमें परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी नहीं पहुंचे। यह बताया जा रहा है कि पिछले कई महीनों से अधिकारी ममता बनर्जी और पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुल पांच मंत्री कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे हैं। सूत्रों के अनुसार शुभेंदु अधिकारी के न आने की वजह अभी तक किसी भी व्यक्ति को नहीं पता है। सरकार के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी कैबिनेट मीटिंग में शामिल नहीं हुए।

हालांकि उनकी तबीयत खराब होने की खबर मिली है। वहीं दूसरी तरफ बंगाल के दुर्गापुर में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए! दो गुटों में झड़प में एक कार्यकर्ता की गोली लगने के कारण मौत हुई और दोनों कार्यकर्ताओं के घायल होने की भी खबर आ रही है। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट में 80% मंत्री ही शामिल हुए। शुभेंदु अधिकारी और पार्थ चटर्जी के अलावा राजीव बैनर्जी गौतम देव और रविंद्र नाथ घोष की कैबिनेट मीटिंग में न पहुंचने की अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि पांच मंत्रियों की एक साथ गैर मौजूदगी को लेकर अब तृणमूल कांग्रेस में असंतोष का माहौल बन चुका है।

Image Attribution: Biswarup Ganguly, CC BY 3.0, via Wikimedia Commons

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