बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे सभी के सामने आ चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों ने बहुमत हासिल कर लिया है। क्योंकि इस बार भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और वही नीतीश कुमार की पार्टी पूरे प्रदेश में तीसरे नंबर पर आई है। इसलिए नीतीश कुमार का दबदबा अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कम हो गया है। सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि शायद नीतीश कुमार इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे भारतीय जनता पार्टी का कोई प्रत्याशी इस बार बिहार की कमान संभालेगा।
इस पूरे मामले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार शाम को मीडिया से बातचीत की और मीडिया से कहा, “हम लोग तो पूरे एनडीए के लिए अभियान चलाते हैं। खासकर मेरे क्षेत्रों में लोगों को खड़ा कर वोट काटे गए हैं। जानबूझकर हम लोगों के ऊपर प्रहार किया गया है। इसका जवाब तो वही लोग जानेंगे। इस पर निर्णय लेना भी बीजेपी का काम है। हम लोगों ने एक दूसरे के लिए काम किए हैं। जेडीयू की बहुत सीटों का नुकसान किया गया है।” उन्होंने कहा, “हमने अब तक की सेवा की है इतनी की है कि कुछ कहा नहीं जा सकता है!… समाज के किसी भी तबके को विकास से पीछे नहीं रखा है!…हमारा कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है समाज के हर तबके को फायदा हुआ है। सड़क बिजली को लेकर काम किया गया है। समाज के किसी भी तबके को छोड़ा नहीं गया है। सेवा के बाद भी लोग वोट नहीं करते तो यह उनका निर्णय है।”
उन्होंने कहा कि जनता मालिक है अभी फाइनल नहीं हुआ है। चारों घटक दल बैठकर बैठक करेंगे। आपस में बातचीत करेंगे विधानमंडल दल की बैठक उसके बाद होगी बातचीत के बाद यह तय होगा कि कैसे क्या करना है? मुख्यमंत्री का निर्णय में एनडीए की बैठक में होगा।