नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के कद्दावर नेता है। लेकिन पिछले कई दिनों से नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी में अपना सम्मान नहीं मिल रहा है जितने की उम्मीद थी। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू काफी अरसे के बाद अब कांग्रेस के मंच पर आकर किसानों के समर्थन में रैली कर रहे हैं। सिद्धू कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत के साथ आगे वाली सीट पर बैठे। मंत्रियों को यहां बोलने का मौका नहीं मिला परंतु पार्टी या सरकार में कोई पद न होने के बावजूद सिद्धू को मंच से बोलने का मौका भी दिया गया। परंतु सिद्धू ने कैप्टन सरकार पर सवाल उठा दिए और उसके बाद सारी तस्वीर बदल गई। मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा,जोकि स्टेज का संचालन कर रहे थे, के अलावा किसी को भी भाषण देने का अवसर नहीं मिला। इस कारण नवजोत सिंह सिद्धू से पार्टी नेता नाराज हो गए।
नवजोत सिंह सिद्धू ने राहुल गांधी की मौजूदगी में केंद्र सरकार के साथ कैप्टन सरकार को घेर लिया। सिद्धू ने कहा कि सरकार दिखावे के लिए नहीं होती, उसकी भी जिम्मेदारी होती है। अगर हिमाचल प्रदेश की सरकार सेब की फसल पर एमएसपी तय कर सकती है तो पंजाब सरकार यहां की फसलों की क्यों नहीं कर सकती?
सिद्धू ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में दाल और तिलहन का आयात तो होता है लेकिन पंजाब इसका उत्पादन क्यों नहीं करता? सिद्धू के भाषण ने पंडाल में उपस्थित लोगों को तो सम्मोहित किया लेकिन वही पार्टी नेता उनके भाषण से नाराज हो गए। सिद्धू को रोकने के लिए मंत्री सुखजिंदर रंधावा उठे तो सिद्धू ने उन्हेंं यह कहकर रोक दिया कि ‘तगड़े घोड़े’ को इशारा ही काफी है। इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत भी उस समय तक अपनी सीट पर खड़े रहे जब तक सिद्धू ने अपना भाषण खत्म नहीं किया।
नवजोत सिंह सिद्धू जब जटपुरा पहुंचे तो उनका प्रभाव कम होता दिखाई दिया। यहां पर नवजोत सिंह सिद्धू को राहुल कैसा ट्रैक्टर पर बैठने का मौका नहीं मिला और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ वे अपनी कार में बैठ कर चले गए। सिद्धू की नाराजगी का पता चलने पर हरीश रावत फिर सिद्धू के पास पहुंचे, परंतु सिद्धू ने मंच पर आने से भी मना कर दिया। परंतु बाद में हरीश रावत के कहने पर सिद्धू मंच पर पहुंचे।
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